The Girl On The Train Quick Review : दुख, नशे और रोमांच से भरपूर है मीरा की कहानी, देखने से पहले पढ़ें रिव्यू

फिल्म: द गर्ल ऑन द ट्रेन निर्देशक: रिभु दासगुप्ता ओटीटी: नेटफ्लिक्स कलाकार: परिणीति चोपड़ा, अदिति राव हैदरी, कीर्ति कुल्हारी, अश्विनी तिवारी, तोता रॉयचौधरी आदि

कई दिनों बाद परिणीति चोपड़ा की कोई फिल्म सामने आई है. परिणीति चोपड़ा इस बार अपने फैंस के लिए कॉमेडी और रोमांटिक कॉमेडी से हटकर कुछ नया लेकर आईं हैं. जिसे हमें थ्रिलर का सकते हैं. फिल्म ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ की कहानी लंदन में रहने वाली मीरा कपूर ( परिणीति चोपड़ा ) की है. मीरा अपने जीवन से परेशान है और उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी का ताल-मेल भी कुछ खास बैठ नहीं पा रहा है. फिल्म के अंदर दिखाया गया है कि उनका तलाक हो चुका है, इसके साथ ही मिसकैरेज भी हो चुका है. पति शेखर (अविनाश तिवारी) मीरा को बिल्कुल पसंद नहीं करते जिस वजह इस जोड़ी के बीच खूब लड़ाई होती है.
इन सब चीजों से परेशान होकर इन सब गमों को भुलाने के लिए मीरा नशे को अपना साथी बनाती है. वहीं मीरा के पति उनकी इन हरकतों को देखते हुए दूसरी शादी कर चुके हैं. हर दिन ट्रेन में सफर करने के दौरान मीरा की नजरें खिड़की से बाहर एक घर पर टिकी होती है, जहां रहते हैं नुसरत (अदिति राव हैदरी) और आनंद. मीरा की नजरों में नुसरत की जिंदगी परफेक्ट है और ऐसी ही जिंदगी वो अपने लिए चाहती थी. कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब एक दिन नुसरत का मर्डर हो जाता है. मर्डर की जांच के दौरान मीरा पर पुलिस की शक की सुई जाकर अटक जाती है. पुलिस को मीरा के मर्डर की जगह के आस पास होने के सबूत मिलते हैं. जहां मीरा इस फिल्म में एम्नेसिया से पीड़ित हैं जिस वजह से उन्हें मर्डर वाले दिन की कोई भी बात याद नहीं रहती. ये फिल्म एक मर्डर मिस्ट्री है.
फिल्म की खास बातें
दर्शकों को बांध के रखती है फिल्म. इस फिल्म की शूटिंग भारत में भी हो सकती थी. फिल्म के डायलॉग्स में अंग्रेजी का ज्यादा इस्तेमाल किया गया है.
देखें या नहीं
इस फिल्म की रफ्तार भले ही बड़ी धीमी हो लेकिन फिल्म का क्लाइमेक्स कमाल का है. अगर आप पौला हॉकिन्स की किताब द गर्ल ऑन द ट्रेन पहले ही पढ़ चुके हैं तो आप इस फिल्म को न देखें. 120 मिनट की इस फिल्म की लंबाई छोटी भी हो सकती थी.

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