समरस व प्रेमपूर्ण समाज का निर्माण करना ही सत्संग का उद्देश्य : स्वामी शिवानंद

पूर्णिया। ईश्वर ने हमारी एक ही जाति बनाई है और वह है मानव जाति। संत महात्माओं ने मानव उपकार के लिए शुभ कर्म करने का एक मार्ग दिखाया, जिसे मानव धर्म कहा गया। अगर सबों में सदाचार आ जाए और लोग परस्पर मेल से रहें तो निसंदेह उज्जवल समाज बनेगा। उक्त बातें रामपुर तिलक पंचायत में संतमत सत्संग के तीन दिवसीय 34 वां ग्रामीण वार्षिक अधिवेशन के समापन सत्र में मंचासीन पूज्यपाद स्वामी शिवानंद जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं। आयोजन के पहले दिन आयोजन समिति के अध्यक्ष गंगा प्रसाद महतो, राम नारायण महतो , रामसागर महतो, रामदास महतो, रामदयाल महतो जयप्रकाश महतो, पंकज कुमार, रामाशंकर महतो,दिनेश राय,अनंतलाल महतो, पूर्व मुखिया शिवलाल महतो , मुखिया सूर्य नारायण महतो ने मंचासीन संत-महात्माओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया । पश्चात इसी पंचायत के उत्तर टोला स्थित संतमत साधना आश्रम में नवनिर्मित भवन का फीता काटकर स्वामी शिवानंद जी महाराज ने उदघाटन किया । अधिवेशन के दूसरे दिवस को दो सत्रों में आयोजित सत्संग समारोह के दौरान अररिया साधना आश्रम से आए स्वामी शिवानंद जी महाराज,कुप्पाघाट भागलपुर से स्वामी रविन्द्र बाबा,संतमत साधना आश्रम उत्तर टोला से स्वामी कैलाश बाबा, स्वामी कृष्णानंद बाबा संतमत आश्रम झाली घाट से आए विशुद्धानंद बाबा सहित कई अन्य मंचासीन संत-महात्माओं ने अपने ज्ञान गंगा से श्रद्धालुओं को प्लावित किया। समापन सत्र में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पूज्यपाद स्वामी शिवानंद जी महाराज ने कहा कि मनुष्य अपनी कामनाओं का परित्याग कर जीवन में निस्वार्थ भाव को जगह देते हुए शांति को प्राप्त कर सकता है। मनसा, वाचा कर्मणा के सिद्धांत पर नीतियों का पालन करते हुए जीवन जीना ही वास्तविक धर्म है। अध्यात्म की गंगा में गोता लगा रहे हजारों श्रद्धालुओं को भजन व प्रवचनों से हरिभक्ति के मार्ग बतलाए गए। आयोजन के दौरान काफी दूर दराज से आए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। तीन दिनों तक माहौल भक्तिमय बना रहा। समापन वेला में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। पंडाल के अलावे श्रद्धालु खुले मैदान व सड़कों के किनारे बैठकर प्रवचन सुनते रहे। गुर महाराज के जयकारे से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया। आयोजन स्थल के इर्द गिर्द विभिन्न प्रकार के स्टाल लगाए गए थे तथा डा भागीरथ एवं डा अनंतलाल महतो के द्वारा निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाए गए। इस अधिवेशन की सफलता में स्थानीय समस्त युवाओं व ग्रामीणों ने सराहनीय सहयोग किया। देर शाम को आगत संत-महात्माओं को भावभीनी बिदाई दी गई। रामसागर महतो ने कशलतापूर्वक मंच संचालन किया।


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