पंचायत चुनाव के लिए 25 हजार ईवीएम की होगी आवश्यकता

जमुई। 10 चरणों में पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद प्रशासनिक महकमे में चुनावी तैयारी तेज हो गई है। फिलहाल जर्जर मतदान भवनों तथा अन्य मतदान भवनों के साथ-साथ नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों, कलस्टर, ईवीएम की आवश्यकता तथा सेक्टर का विस्तृत रिपोर्ट चुनाव आयोग को प्रेषित करने की तैयारी अंतिम दौर में है।

ईवीएम से पंचायत चुनाव पहली बार कराए जाने के निर्णय से भी अधिकारियों से लेकर मतदाताओं के बीच उत्सुकता कायम है। यहां 153 पंचायत में मौजूद कुल मतदान केंद्रों के लिहाज से तकरीबन 2500 ईवीएम की आवश्यकता का अनुमान है। बहरहाल जिले में मतदान केंद्र से लेकर मतदान भवनों को चिन्हित करने का काम लगभग पूर्ण कर लिया गया है। मूल मतदान केंद्र के साथ सहायक और चलंत मतदान केंद्रों को मिलाकर यहां 2095 मतदान केंद्रों पर कुल 1090921 मतदाता पंचायत की तकदीर लिखेंगे। इनमें 576863 पुरुष तथा 514039 महिला मतदाता शामिल हैं।

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प्रखंड वार मतदाताओं की संख्या
प्रखंड कुल मतदाता पुरुष महिला
बरहट-63465 - 33493 - 29967
चकाई - 148514 - 79080 - 69427
गिद्धौर - 54075 - 28579 - 25496
अलीगंज - 97577 - 50928 - 46648
जमुई - 93875 - 49971- 43902
झाझा -151789 - 80222 - 71566
लक्ष्मीपुर - 80996 - 42623 - 38373
खैरा -155768 - 82326 - 73433
सिकंदरा - 106643 - 56375 -50268
सोनो - 138225 -73266 - 64959
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मतदान केंद्र
मूल मतदान केंद्र - 1963
सहायक मतदान केंद्र - 110
चलंत मतदान केंद्र - 22
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अपदस्थ प्रतिनिधि छह साल तक नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
जमुई : कर्तव्य एवं दायित्व निर्वहन में अक्षम प्रतिनिधियों को अपदस्थ करने की कवायद तेज कर दी गई है वैसे प्रतिनिधि अगले 6 वर्षों तक पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे। जमुई जिला में फिलहाल झाझा प्रखंड अंतर्गत बलियाडीह पंचायत की मुखिया बबीता देवी पर अपदस्थ होने की तलवार लटक रही है। जिला पंचायत राज कार्यालय से सात निश्चय योजना के तहत राशि निकाल लेने के मामले में एफआइआर के बाद पंचायत राज अधिनियम 18/5 के तहत अपदस्थ का प्रस्ताव विभाग को प्रस्तावित किया गया है।
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मतगणना होगी आसान, मतदान में छूटेंगे पसीने
जमुई : ईवीएम से पंचायत चुनाव कराए जाने के फैसले के बाद इतना तो तय हो गया है कि मतगणना में अब कई-कई दिन नहीं लगेंगे। साथ ही प्रशासनिक पदाधिकारियों पर पक्षपात का आरोप भी लगा पाना आसान नहीं होगा। इसके अलावा मनमानी करने वाले अधिकारियों द्वारा भी गिनती के दौरान गड़बड़ी करने की मंशा पर विराम लग जाएगा। इसके विपरीत मतदान कराने में अधिकारियों के पसीने भी छूटेंगे। बीते चुनाव में ही जिस प्रकार एक-एक विधानसभा क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में ईवीएम ने जवाब दे दिया था। वैसी परिस्थिति पंचायत चुनाव में हुई तो अधिकारी से लेकर मतदान दल को नाकों चने चबाने होंगे। इसके अलावा मतदान केंद्रों तक कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट ले जाना भी आसान नहीं होगा। एक कंट्रोल यूनिट के साथ छह बैलेट यूनिट की आवश्यकता होगी। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में 15 से अधिक उम्मीदवार होंगे वहां यह संख्या दुगनी हो जाएगी। ऐसे में मतदान पदाधिकारी के लिए मुसीबतें बढ़ने वाली है। फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर मतदान पदाधिकारियों को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था पर भी मंथन किया जा रहा है।
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शशांक कुमार को मिली पंचायती राज की कमान
पंचायत चुनाव के मद्देनजर पंचायती राज महकमा के लिए स्वतंत्र पदाधिकारी पदस्थापित कर दिए गए हैं। अब तक यह महकमा प्रभार में चल रहा था। फिलहाल अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मुहम्मद शफीक पंचायती राज पदाधिकारी के प्रभार में थे। अब जमुई में ही पदस्थापित वरीय उप समाहर्ता शशांक कुमार को पंचायती राज पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित किया गया है। इसकी विधिवत अधिसूचना शनिवार की शाम जारी कर दी गई है।
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1963 मूल मतदान केंद
पंचायत चुनाव में तकरीबन 2500 ईवीएम की आवश्यकता का अनुमान है। यहां 1963 मूल मतदान केंद्र के अलावा 110 सहायक तथा 22 चलंत मतदान केंद्रों को मिलाकर कुल 2095 मतदान केंद्र है। लिहाजा मतदान केंद्रों के लिए 2095 ईवीएम की आवश्यकता होगी, जबकि 15 फीसद ईवीएम सुरक्षित रहेगा।
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