खुद को वारिस साबित करने के लिए कर रहा मशक्कत

जमुई। गणेश नवादा निवासी जगन्नाथ मंडल के पौत्र महादेव और गोविद को जगन्नाथ का वारिस साबित करने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। यह सब कुछ संपत्ति विवाद के कारण हो रहा है। अब उसकी जान का दुश्मन अपने ही पिता के सगे भाई बन गए हैं।

थक हार कर महादेव ने सदर थाना में अपने चाचा उपेंद्र रावत कथित रूप से रविद्र रावत के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। महादेव ने आरोप लगाया है कि उनके चाचा उपेंद्र रावत उनकी पैतृक संपत्ति हड़पने की साजिश कर रहे हैं। महादेव ने कहा है कि 1980-81 में 21 वर्ष की आयु में उनके पिता को दादा की जगह बीसीसीएल में नौकरी मिली थी। तब उनके चाचा उपेंद्र रावत नाबालिग महज 14 साल के थे। इसका प्रमाण बीसीसीएल में प्रस्तुत आश्रितों की सूची में मौजूद है, लेकिन अब उनके चाचा फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर उनके पिता के नाम के साथ-साथ दादा एवं दादी के नाम से मौजूद तकरीबन पांच एकड़ से अधिक जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। इतना ही नहीं अब बीसीसीएल प्रबंधन को गुमराह करने की कोशिश जा रही है। इस मामले में सरपंच को भी गुमराह किए जाने का आरोप महादेव ने लगाया है जिसकी जानकारी होने के बाद सरपंच, मुखिया, वार्ड सदस्य एवं पंचायत समिति द्वारा दुरुस्त वंशावली जारी किया गया। इसके बाद उन्हें जान से मार देने की धमकी देकर गांव से भगा दिया गया। इस मामले में जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है। इधर चाचा कथित रविद्र मंडल से पूछे जाने पर उसने खुद को असली रविद्र मंडल बताते हुए भाई पर फर्जीवाड़ा कर नौकरी हथिया लेने का आरोप लगाया है। विधानसभा चुनाव में दाखिल शपथ पत्र में उम्र संबंधित सवाल पूछे जाने पर वह बात करने से इन्कार कर गए और मोबाइल डिस्कनेक्ट कर दिया। यहां बता दें कि कथित रविद्र मंडल बीते विधानसभा चुनाव पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक से लड़े थे। जिसमें उनकी उम्र हलफनामा के मुताबिक 53 वर्ष है, जबकि बीसीसीएल में कार्यरत रविद्र मंडल मई में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में पुलिस के समक्ष असली रविद्र साबित करने की चुनौती होगी।

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