बम भोले के जयघोष से गूंज उठेंगे शिवालय, महाशिवरात्रि की तैयारी पूरी

बगहा। बगहा सहित आसपास के शिवालयों में शिवभक्तों की भीड़ गुरुवार को जुटेगी। इस वर्ष कोरोना के साथ जंग में आस्था को जीत दर्ज करना है। प्रत्येक वर्षों की भांति इस वर्ष भी पूजा होगी लेकिन, मास्क व शारीरिक दूरी का ख्याल रखने के साथ खुद की सुरक्षा का भी ध्यान रखने की चुनौती है। भारत नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर के जटाशंकर मंदिर, कौलेश्वर नाथ, हरनाटांड़ के सुंदरा महादेव, अमलोरवा के अमलेश्वर नाथ सहित बगहा एक के पक्की बावली विश्वंभरनाथ, बड़गांव स्थित शिवालय सहित दर्जनों शिव मंदिर भक्तों व श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र हैं। यहां प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर सैकड़ों की संख्या में भीड़ एकत्रित होकर ना सिर्फ जलाभिषेक करते हैं बल्कि भगवान भोलेनाथ को दूध की धार से भी अभिषेक करने की परंपरा है। इस अवसर पर उपरोक्त मंदिरों के पास मेला का आयोजन होने से आसपास के दुकानदारों की अच्छी खासी कमाई हो जाती है। कोरोना के कारण आस्था के साथ व्यापार पर भी विराम लग गया है।


श्रद्धालुओं व मंदिरों के पुजारियों का मानना है कि संक्रमण के दौर में श्रद्धालुओं के आने की संख्या में कमी होना स्वभाविक है। जिसका सीधा प्रभाव जलाभिषेक और झांकियों पर पड़ना है। हालांकि मंदिरों में इसकी भरपूर व्यवस्था की गई है कि हर आने वाले भक्त के लिए मास्क व शारीरिक दूरी आवश्यक कर दिया गया है। उपरोक्त मंदिरों में श्रद्धालुओं के दर्शन के अलावा मेला का भी आयोजन होता रहा है। लेकिन, इस बार प्रशासनिक सख्ती को देखते हुए मेला का आयोजन भी बंद रहेगा। प्राय: हर मंदिरों में प्रवेश व निकास की अलग व्यवस्था की गई है। मेला के लिए भी संभावित दुकानदारों को मना कर दिया गया है। लेकिन, अगर कोई श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर पूजा करना चाहता है तो आने के लिए मनाही नहीं है। बड़गांव शिवालय की संरक्षक सह समाजसेवी सुषमा सिंह ने कहा कि श्रद्धालुओं को आने के लिए पूरी आजादी है। लेकिन, खुद की सुरक्षा को देखते हुए मास्क आदि के साथ आना श्रेयस्कर होता है। सरकार द्वारा कोरोना से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन के अनुसार दर्शन, पूजा व जलाभिषेक की व्यवस्था की गई है। बगहा दो सीओ राकेश कुमार ने कहा कि सरकारी निर्देश के अनुसार ही पूजा करने की अनुमति दी गई है। हालांकि विधि व्यवस्था आदि के मद्देनजर विभिन्न शिवालयों व मंदिरों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई है। ताकि गाइडलाइन के अनुपालन के साथ विधि व्यवस्था कायम रखा जा सके। इंसेट :
कोरोना से बचाव के लिए शारीरिक दूरी और मास्क जरूरी :-
शिवरात्रि में मंदिर जाएंगे तो शारीरिक दूरी का पालन मुश्किल होगा। ऐसे में जरूरी है कि हम घर पर ही भोलेनाथ की पूजा कर लें। नगर के आनंदनगर निवासी पंडित डॉ. अशोक कुमार मिश्र ने बताया कि उनके पास आने वाले दर्जनों शिष्यों व यजमानों को सुझाव दिया गया है कि कोरोना को देखते हुए घर पर ही पूजा करें। पूजा की तमाम विधि व्यवस्था से भी उनको अवगत करा दिया गया है। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भांग व धतूरा का फल फूल के साथ बेलपत्र व सफेद फूल के साथ दूध की धारा से उनका पूजा किया जाता है। जिससे भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनोरथ फल प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं।
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