जिले की सभी पंचायतों में लगेंगे स्वचालित वर्षामापी यंत्र, किसानों के लिए फायदेमंद

सीतामढ़ी । जिले की सभी पंचायतों में स्वचालित वर्षामापी यंत्र लगाए जाएंगे। किसी स्थान पर होने वाली वर्षा को मापने के लिए प्रयुक्त होने वाला एक साधारण यंत्र। एक साधारण प्रकार के वर्षामापी में पीतल या अन्य धातु की एक बेलन स्टैंड पर संलग्न होती है, जिसके ऊपर एक कीप लगी होती है। कीप में गिरने वाला वर्षा का जल बेलन के भीतर स्थित एक नली में एकत्रित होता है। वर्षामापी को किसी खुले स्थान या मकान की छत पर रखा जाता है जहां वर्षा जल के एकत्रित होने में कोई अवरोध न हो। डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा की अध्यक्षता में वर्षामापी यंत्र अधिष्ठापन हेतु एक जिला स्तरीय बैठक आहूत की गई। जिसमें डीडीसी, एडीएम, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं किसान सलाहकार उपस्थित थे। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा स्वचालित वर्षामापी यंत्र के अधिष्ठापन हेतु स्थल चयन संबंधित निर्देश दिए गए। उनके द्वारा सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं किसान सलाहकार को स्थल चयन में प्रगतिशील किसानों की भूमि चयन करने हेतु प्राथमिकता देने की बात कही गई। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने स्वचालित वर्षामापी यंत्र की उपयोगिता एवं विशेषताओं पर प्रकाश डाला। स्वचालित वर्षामापी यंत्र के स्थल चयन संबंधित मानकता को उल्लेखित किया। उनके द्वारा यह बताया गया कि अन्य राज्यों के तौर पर बिहार में भी राज्य की सभी पंचायतों में स्वचालित वर्षामापी यंत्र अधिष्ठापन किया जाएगा जो विभिन्न प्रकार की सूचनाएं प्रदान करेगा। जैसे फसल सांख्यिकी सुधार, मौसम जलवायु के अनुरूप कृषि एवं आपदा प्रबंधन में मदद मिलेगी। जिला पदाधिकारी द्वारा कार्य महत्ता पर प्रकाश डालते हुए, सभी किसान सलाहकार एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी को एक सप्ताह के अंदर स्थल चयनित कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु निदेशित किया गया।


शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार