आगजनी की घटनाओं से बचाव के लिए विभाग ने किया सतर्क

जमुई। गर्मी का मौसम आते ही आगजनी की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो जाती है। इस दौरान बड़ी पैमाने पर जानमाल के नुकसान की भी खबरें आती है ऐसे में जिला अग्निशामक पदाधिकारी ने जिले वासियों को सावधान किया है साथ ही एहतियात बरतने की नसीहत दी है और अधिकारियों व अग्निशमन दल का मोबाइल नंबर भी बुधवार को जारी किया है।

जिला समादेष्टा सह जिला अग्निशमन पदाधिकारी द्वारा आग से बचाव के लिए क्या करें क्या न करें, विषय के संबंध में कहा है कि गर्मी के मौसम का 4 माह (मार्च से जून ) अगलगी की घटनाओं की दृष्टि से अत्यंत ही संवेदनशील है। भीषण गर्मी एवं पछुआ हवा के कारण गांव व शहरों में अगजनी की घटनाओं में काफी वृद्धि होने की संभावना बनी रहती है। जिस कारणवश जानमाल की क्षति होने की संभावना रहती है। ऐसी स्थिति में आमजनों से अपील है कि अगलगी की घटनाओं के रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने के साथ-साथ आग के प्रति जागरुक एवं सजग रहें।
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अगलगी की घटना होने पर अग्निशमन हेतु इन नंबरों पर करें संपर्क
* आमीर इसरार - जिला अग्निशमन पदाधिकारी -9473191915
* अनुप कुमार शर्मा , अग्निशामालय पदाधिकारी -7808412480
* राम बहादुर राम ( प्रधान लिपिक ) -9122409444
* टोल फ्री नम्बर -101
'' सरकारी मो नं0-7485805974, 7485805975
* सिकन्दरा थाना अमन कुमार ( अग्निक चालक ) -9798799891
* खैरा थाना विपुल कुमार ( अग्निक चालक ) -9199582193
* सिमुलतला थाना विकाश कुमार ( अग्निक चालक ) -8539882806
* चन्द्रमंडी थाना, विकाश कुमार मिश्रा ( अग्निक चालक ) -8825173900
* झाझा थाना अमित कुमार ( अग्निक चालक )-9523814458
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जिला अग्निशमन पदाधिकारी की अपील
* रसोइघर को यथासंभव अग्निरोधक बनाने के लिए उसे चारों तरफ गीली मिट्टी का लेप लगा दें।
* फूस के घरों में भी मिट्टी का लेप लगाएं।
* देहाती क्षेत्रों खास कर फूस एवं खपरैल मकानों के निवासी खाना सुबह आठ बजे से पूर्व बना लें।
* दीपक, लालटेन, ढिबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें।
* तेज हवा में खुली जगह पर खाना न पकाएं। यदि संभव हो तो चूल्हे को चारों तरफ से घेर कर रखें।
* किसी भी जलते पदार्थ को बुझा कर ही सोएं।
* सभी लोग आपातकालीन सेवा का फोन नम्बर 101 अपने पास अवश्य रखें।
* जलती हुई बीड़ी, सिगरेट और माचिस की काठी खेत खलिहान में न फेंके और न फेंकने दें।
* एक बड़े से ड्रम में पानी हमेशा भरकर रखें।
* कुछ छोटी बाल्टी में रेत या बालू भी रखें।
* बिजली के तार के किसी भी जोड़ को ढीला या खुला न छोड़े।
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