जमुई में जनजातियों के रहन-सहन पर शोध के लिए संस्थान की मिली हरी झंडी

जमुई। जिले में जनजातियों के खानपान व रहन-सहन पर शोध के लिए सरकार ने शोध संस्थान की हरी झंडी दे दी है। इसके लिए जमीन तलाशने की कवायद प्रारंभ हो गई है।

हालांकि उक्त योजना के अलावा ट्रैवल फूड पार्क निर्माण, अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय, एकलव्य आवासीय विद्यालय सहित अन्य योजनाओं के लिए भी जमीन की तलाश को लेकर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गुरुवार को मैराथन बैठक हुई। इस दौरान अंचल अधिकारियों को संबंधित योजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा सरकारी भूमि को रजिस्टर टू में अंकित करने का भी टास्क दिया गया है। जिला कल्याण पदाधिकारी भवानंद राय ने बताया कि कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं को सरजमीन पर उतारने के लिए जमीन चिन्हित करने को लेकर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिले भर के अंचल अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त सह प्रभारी अपर समाहर्ता आरिफ अहसन भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय, आकांक्षी जिला के नाते अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास निर्माण, ट्रैवल फूड पार्क, जनजाति शोध संस्थान, उग्रवाद प्रभावित जिला के लिए एक नया एकलव्य आवासीय विद्यालय निर्माण तथा सामुदायिक भवन सह वर्क शेड निर्माण कार्य के लिए स्थल चिन्हित करने को लेकर निर्देशित किया गया। बैठक में जिला वन अधिकार समिति द्वारा 20 लाभुकों को वितरित की गई भूमि का पट्टा तथा कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय व छात्रावास की भूमि को राजस्व अभिलेख में दर्ज करने का निर्देश दिया है।

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