बकरी पालन में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं: डॉ रत्नेश



जागरण संवाददाता, अररिया। कृषि विज्ञान केंद्र के पशु वैज्ञानिक डॉ रत्नेश कुमार चौधरी ने कहा बिहार राज्य के ग्रामीण युवक एवं युवतियां जो हमारे राज्य के युवा शक्ति हैं, वह अन्य राज्यों में अपना श्रम प्रदान कर समृद्ध बना रहे हैं। वे बकरी पालन का प्रशिक्षण देने के दौरान लोगों को जानकारी दे रहें थे। उन्होंने कहा कोरोना के कारण युवक एवं युवतियां अपने राज्य में लौटे हैं ऐसे में ग्रामीण युवक एवं युवतियां वैज्ञानिक विधि से बकरी पालन कर स्वरोजगार कर सकते हैं साथ ही हमारे राज्य में पशुधन की अर्थव्यवस्था को सु²ढ़ करने में भी अपना योगदान प्रदान कर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र अररिया द्वारा चार दिवसीय प्रशिक्षण वैज्ञानिक विधि से बकरी पालन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में 25 महिला एवं 5 युवाओं में भाग लिया। केंद्र के प्रधान डॉ अरविद कुमार सिन्हा ने संबोधित करते हुए कहे की आप महिला एवं युवक कृषि विज्ञान केंद्र से विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्राप्त कर घर बैठे स्वरोजगार कर सकते हैं जैसे मशरूम उत्पादन, ऑर्गेनिक खेती, वर्मी कंपोस्ट उत्पादन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, गोपालन इत्यादि है। इस मौके पर केंद्र के पशु वैज्ञानिक डॉ. चौधरी द्वारा चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया। जिसमें बकरी पालन मे रोजगार के अवसर एवं आय- व्यय का लेखा जोखा, बकरी के विभिन्न प्रजातियां एवं विशेषताएं, आहार, आवास, प्रजनन एवं रोग प्रबंधन विषय पर विस्तार पूर्वक परिचर्चा किए। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थी को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया एवं ग्रुप बनाकर के बकरी पालन आरंभ करने की सलाह दिए और कहे कि मार्च का माह बकरी फार्म खोलने का उत्तम समय है। इस प्रशिक्षण में केंद्रीय के सभी कर्मी प्रभात कुमार मौसम वैज्ञानिक, आफताब आलम, मनीष कुमार, रवि कुमार, गौतम कुमार एवं रागिनी कुमारी मौजूद थे।

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