इलाज में रुचि नहीं लेने से बढ़ गयी हैं लाभार्थियों की परेशानियां

सीवान।निज प्रतिनिधि

एक तरफ प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को लेकर सरकार काफी उत्साहित है, वहीं दूसरी तरफ सरकार व प्राईवेट अस्पतालों की तालमेल नहीं होने के कारण इस योजना का लाभ बहुतेरे लाभार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। जिले के चिंहित प्राईवेट अस्पताल आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत मरीजों के इलाज में रुचि नहीं ले रहे हैं। लिहाजा इन अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या भी गितनी की रह गयी है। कार्यालय सूत्रों मानें तो इस योजना का लाभ लेने वालों की संख्या चार सौ से भी नीचे है। इधर इलाज नहीं मिलने के कारण गोल्डेन कार्डधारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि गोल्डेन कार्डधारियों के प्राईवेट अस्पताल पहुंचने के बाद अस्पताल प्रबंधन इलाज तो करना चाहता है लेकिन भुगतान को लेकर उन्हें दफ्तरों का काफी चक्कर लगाना पड़ता है। जानकारी के अनुसार प्राईवेट अस्पतालों द्वारा किए गए भुगतान के बाद उनका पेमेंट एक महीने के भीतर कर दिया जाता है यदि किसी कारणवश देरी होती है तो पेमेंट में 40 से 50 दिन तक लग जाते हैं।
90 फीसदी इलाज का किया जा चुका है भुगतान
कार्यालय सूत्रों ने बताया कि जिले के विभिन्न चयनित प्राईवेट अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों का इलाज किया जाता है। उनमें से करीब 90 फीसदी केसों का पेमेंट कर दिया गया है। बाकी कई मामलों में अस्पताल प्रबंधन द्वारा समय से संबंधित डाक्यूमेंट्स सब्मिट नहीं करने के कारण पेमेंट में देरी हुई है।
जिले के चार निजी अस्पताल हैं चयनित
बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों के इलाज को लेकर जिले के कुल चार निजी अस्पताल अभी रनिंग अवस्था में हैं। जहां गोल्डेनकार्डधारियों का इलाज किया जाता है। इनमें से भी दो में ही ज्यादातर मरीजों का इलाज किया जाता है। दो में इलाज की संख्या काफी कम है।
अरुचि के कारणों का किया जाएगा रिव्यू्
इधर गोल्डेन कार्डधारियों के इलाज को लेकर जिले के प्राईवेट अस्पताल क्यों रुचि नहीं ले रहे हैं इसको लेकर रिव्यू किया जाएगा। जल्द ही एक टीम के आने की बात बतायी गयी। टीम जिले के चयनित सभी प्राईवेट स्पतालों का भ्रमण कर उनसे इस दिशा में आने वाली कठिनाईयों की जानकारी लेगी।

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