मिल गया इंटर का दर्जा पर नहीं हैं शिक्षक

खगड़िया । जिले में सरकारी शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। अधिकांश सरकारी विद्यालय भगवान भरोसे हैं। कहीं शिक्षक की कमी है तो कहीं भवन की। सबसे खराब स्थिति उत्क्रमित विद्यालयों की है। जिले में कई माध्यमिक विद्यालयों को उत्क्रमित कर इंटर का दर्जा दिया गया। परंतु शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई। उस हिसाब से भवन और अन्य संसाधन नहीं दिए गए। प्रयोगशाला नहीं रहने से इंटर विज्ञान के छात्र प्रायोगिक कक्षा नहीं कर पाते हैं। ऐसी अनेक समस्याएं हैं।

जिले की बिहार केसरी एवं मोती हजारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डुमरिया बुजुर्ग दयनीय शिक्षा व्यवस्था का एक बड़ा उदाहरण है। यहां सात वर्षों से माध्यमिक के शिक्षक इंटर के छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं। यहां विद्यालय प्रधान समेत आठ शिक्षक हैं। लेकिन इंटर की पढ़ाई को लेकर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। दो आदेशपाल और एक रात्रि प्रहरी भी है। विद्यालय को इंटर का दर्जा वर्ष 2013 में ही मिला। लेकिन अभी तक इंटर के क्लास संचलन को लेकर भवन नहीं बना है। यहां वर्ग नवम से लेकर 12वीं तक में करीब 900 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। विद्यालय के पास मैदान है। जिसकी घेराबंदी नहीं हुई है। स्थानीय मनोज कुमार चौधरी, प्रभाष चौधरी, अनिल कुमार, राजीव चौधरी ने इस ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है। कहा है कि यहां इंटर की पढ़ाई को लेकर जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। ''समस्याओं के समाधान को लेकर वरीय पदाधिकारियों को लिखा गया है। उपलब्ध साधन-संसाधन के अनुसार बेहतर पठन-पाठन का प्रयास जारी है। कोरोना के नियमों का पालन किया जाता है।

सोहेब अहमद जहीरी, प्राचार्य
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