भूमि निबंधन के मामले की प्रारंभ हुई जांच, स्थल पर जाकर अधिकारियों ने लिया जायजा

मोतिहारी । शहर से सटे जिले के तुरकौलिया थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर में एक भूखंड के निबंधन में करोड़ों रुपये के राजस्व की चोरी को ले उठे सवाल को डीएम ने गंभीरता से लिया है। डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। डीएम के आदेश के आलोक में अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुधीर कुमार के नेतृत्व में स्थल का निरीक्षण अधिकारियों ने किया। जांच टीम के कुछ सदस्य अभी अवशक पर है इस कारण जांच आज पूरी नहीं हो सकी है। बताया गया कि गुरुवार को जांच पूरी कर इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। बताया गया कि जांच में मुख्य रूप से यह बताना है कि जिस जमीन का निबंधन कराया गया है वह खेती की है या आवासीय। जांच टीम में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुधीर कुमार व डीएसीएलआर सदर राकेश रमण हैं। जांच के बाद स्पष्ट होगा कि जिस प्रकार का आरोप सामने आया है उसमें कितनी सच्चाई है। बताया गया कि जांच टीम जो सरकारी स्तर पर मानक तय है उसके आधार पर जांच करेगी। हालांकि, अधिकारिक तौर पर कोई यह नहीं बता रहा है कि इस भूखंड का निबंधन किसने कराया है। मगर, सूत्रों का कहना है कि किसी बड़े राजनेता से यह मामला जुड़ा है, जिसके लिए सभी नियमों को ताक पर रखा गया। आवासीय भूमि होने पर निबंधन कार्यालय पर उठेगा सवाल बता दें कि कि भूमि निबंधन के एक साल बाद यह मामला सामने आने पर हो रही जांच के बाद अगर भूमि की प्रकृति आवासीय हुआ तो निश्चित रूप से निबंधन कार्यालय की कार्य पद्धति सवाल के घेरे में होगा। कारण कि इसमें सरकारी राजस्व का नुकसान का मामला है। बताया गया कि मोतिहारी निबंधन विभाग में 14 मार्च 2020 को दो दस्तावेजों का निबंधन हुआ। तुरकौलिया अंचल के मौजा-लक्ष्मीपुर, थाना नंबर-172 में करीब 1400 डिसमिल जमीन का निबंधन किया गया। इस भूमि का निबंधन दो फसला बताकर किया गया है। जांच में अगर भूमि आवासीय या व्यवसायिक पाया जाता है तो राजस्व की क्षति का मामला सामने आएगा। हालांकि जिला अवर निबंधन पदाधिकारी विनय कुमार प्रसाद ने कहा कि पहले भी इस प्रकार की शिकायत के बाद सीओ से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं इस संबंध में एक रिपोर्ट तिरहुत प्रमंडल के एआइजी को भेजी गई है। जांच में आवासीय या व्यवसायिक भूमि सामने आने की स्थिति में शेष राजस्व की वसूली को लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। 'मामले में शिकायत मिलने पर जांच टीम का गठन कर भूमि की प्रकृति की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद दोष प्रमाणित होने पर कार्रवाई की जाएगी।'


शीर्षत कपिल अशोक, जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण
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