84 लाख योनियों में श्रेष्ठ है मानव जीवन: साध्वी प्रीति

दो दिवसीय दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के तत्वाधान में आयोजित सत्संग प्रवचन का हुआ समापन

संवाद सूत्र, फुलकाहा (अररिया):
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के तत्वावधान में नरपतगंज प्रखंड के घूरना बाजार स्थित शलहेस बाबा मंदिर परिसर में चल रहे दो दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग प्रवचन एवं भजन संकीर्तन का समापन शनिवार की संध्या को हुआ। मंच पर उपस्थित गुरुदेव आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी प्रीति भारती ने मनुष्य जीवन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा ईश्वर के द्वारा बनाए हुए 84 लाख योनि जिनमें सबसे श्रेष्ठ मनुष्य जीवन, मानव तन भगवान ने बनाया मानव देने का उद्देश्य केवल और केवल उस ईश्वर को प्राप्त कर लेना उस ईश्वर को मान नहीं अपितु जान लेना और उसे जानकर संसार के सभी कर्तव्य का निर्वहन करते हुए इस संसार से कूच कर छोड़कर जाना चाहिए। वास्तव में तभी यह जीवन सफल सार्थक धर्म ग्रंथ के अनुसार माना जाता है और इस जीवन को तब तक नहीं जान सकते जब तक जीवन में एक पूर्ण तत्ववेता सदगुरु का आगमन न हो ऐसा संत जो ईश्वर की बातें ना करें इस मनुष्य तन के भीतर उस निराकार ब्रह्म का उस भगवान का दर्शन दीक्षा के समय करवा दे उसे दिखा दे उसे पूर्ण संत कहते हैं और जब ऐसा संत मिल जाता है। तभी यह मानव जीवन सफल और सार्थक एक जीव बना पाता है, हम भी ऐसे संत की खोज करें जो ईश्वर की बातें ना करें अपितु घट के भीतर ईश्वर का दर्शन करवा दे हमें हमारे जीवन के मूल उद्देश्य से अवगत करा दें , तभी सत्संग कथा प्रवचन श्रवण करना सफल सार्थक होगा। साथ में मंच पर उपस्थित आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी रघुनंदना नंद जी साध्वी महामाया भारती सहयोग देते हुए श्याम जी, चंदन कुमार जी अन्य संगीतज्ञ टीम मंच पर उपस्थित थे। साथ हीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में क्षेत्रीय कार्यकर्ता सुशील राम, सकलदेव राम, नंदलाल राम, लक्ष्मण झा, रोशन झा समेत कई कार्यकर्ता इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे रहे।

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