25 जून के बाद नहर में छोड़ा जाएगा पानी

खगड़िया। मक्का फसल के पटवन को लेकर सिचाई विभाग लापरवाह है। 15 किलोमीटर लंबी बेलदौर प्रशाखा नहर, सिनवाडा-दिघौन नहर में धूल उड़ रही है। जबकि माली प्रशाखा नहर का अस्तित्व ही समाप्त हो चुका है। चिलचिलाती धूप से मक्के की फसल सूखने लगी है। किसान निजी पंपसेट के सहारे सिचाई को विवश हैं।

सिचाई विभाग, कार्य प्रमंडल त्रिवेणीगंज के कार्यपालक अभियंता चंद्रमणि बैठा ने बताया कि मक्का गरमा फसल है। गरमा फसल की सिचाई को लेकर सरकार के द्वारा कोई प्रविधान नहीं है। नहर में रबी एवं खरीफ फसल की सिचाई को लेकर पानी छोड़ा जाता है। अब नहर में 25 जून के बाद पानी छोड़ा जाएगा। कहने का मतलब नहर में तब पानी छोड़ा जाएगा जब किसानों को इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। बाढ़-बरसात का मौसम आरंभ हो जाएगा। उस समय पानी छोड़ना आफत का सबब भी बन सकता है। मालूम हो कि बेलदौर प्रखंड जिले के सर्वाधिक बाढ़ प्रवण क्षेत्र में एक है। बीते वर्ष सैकड़ों एकड़ धान की फसल बाढ़ में डूब गई थी। किसान नेता ने की मुआवजे की मांग

खगड़िया। बछौता पंचायत में अगलगी से हुई फसल क्षति को लेकर बिहार किसान मंच के नेता धीरेंद्र सिंह टुडू ने दुख व्यक्त किया है। बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि बड़ी क्षति हुई है। बीघा दर बीघा गेहूं समेत अन्य फसलें जलकर राख हो गई। कई किसान परिवार भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। टुडू ने जिला पदाधिकारी से मांग किया है कि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार अविलंब फसल क्षतिपूर्ति दें। प्रति एकड़ किसान को 25 हजार रुपये मुआवजा दिया जाए।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार