शोक सलामी में गोली फायर नहीं होने के मामले में सार्जेंट मेजर और आरमोरर से मांगा स्पष्टीकरण

मुंगेर । ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव, इमारत ए शरीया के अमीर ए शरियत हजरत वली रहमानी के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ रविवार को सिपुर्द ए खाक किया गया। इस दौरान जामिया खानकाह रहमानी परिसर में आयोजित शोक सलामी के दौरान गोली फंस जाने के कारण मुंगेर पुलिस को काफी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। इस मामले को डीआइजी शफी उल हक ने गंभीरता से लेते हुए सार्जेंट मैजर एवं आरमोरर से विभागीय कार्रवाही के विरुद्ध स्पष्टीकरण मांगा है। शोक सलामी देने में लगे जवानों पर 828 सी के तहत कार्रवाई करने का आदेश मुंगेर एसपी को दिया है।


डीआइजी ने कहा कि मौलाना वली रहमानी के राजकीय सम्मान समारोह में शोक सलामी देने के दौरान हथियार में गोली फंसना गंभीर ममाला है। इसको लेकर सार्जेंट मेजर एवं आरमोरर से विभागीय कार्रवाई के विरुद्ध स्पष्टीकरण मांगा गया है। सार्जेंट मेजर और आरमोरर से पूछा गया है कि आखिर ऐसे हथियार का चयन क्यों किया गया, गोली की टेस्टिग क्यों नहीं की गई। डीआइजी ने कहा कि 10 जवानों में से छह जवानों से गोली क्यों नहीं चली, जो मैगजीन लोड नहीं कर पाए, वोल्ट नहीं चढ़ा पा रहे थे, ऐसे जवानों पर 828 सी के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। सार्जेंट मेजर एवं आरमोरर ने ऐसे जवानों की डयूटी शोक सलामी के लिए क्यों लगाई। डीआइजी ने कहा कि राजकीय सम्मान के दौरान क्या हमारी शान दिखाने के लिए वही लोग थे। वहां पर लाखों की संख्या में जनता थी, सबके सामने पुलिस की बेइज्जती हो गई। यह पुलिस मैनुअल के खिलाफ है। स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं होने पर संबंधित पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
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