फर्जी तरीके से जमीन की बिक्री मामले में तारापुर के अवर निबंधक पदाधिकारी के गिरफ्तारी के आदेश

मुंगेर । जमीन की खरीद बिक्री में हुई फर्जीवाड़ा को लेकर तारापुर थाना में दर्ज चर्चित मामले की समीक्षा के बाद डीआइजी शफी उल हक ने तारापुर के अवर निबंधक पदाधिकारी की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। डीआइजी ने जमीन रजिस्ट्री में हुए फर्जीवाड़े मामले में अवर निबंधक पदाधिकारी की संलिप्तता पाने के बाद जहां उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए। वहीं, विभागीय कार्रवाई के लिए डीएम को भी रिपोर्ट भेज दी है।

डीआइजी ने बताया कि धनबाद में रहने वाली शिवानी देवी की 40 डिसमिल जमीन गलत तरीके से रजिस्ट्री करा ली गई। शिवानी देवी की जगह सुनीता देवी को खड़ा कर जमीन की रजिस्ट्री कराया गया। जिसमें शिवानी देवी का फर्जी वोटर आइडी कार्ड का इस्तेमाल किया गया था। डीआइजी ने कहा कि कांड की जांच कर रहे तारापुर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार के समक्ष एक मार्च को कांड की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान आरोप सही पाए जाने पर तीन दिनों के अंदर सभी आरोपितों की गिरफ्तारी करने के निर्देश दिए गए। तारापुर थानाध्यक्ष ने एक ही दिन में तीन आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तारी के बाद सुनीता देवी ने पुलिस को बताया कि तनकनु सिंह ने मुझे पांच हजार रुपये दिए थे। कार्यालय में पूछने पर मैंने अपना नाम सुनीता देवी ही बताया। डीआइजी ने कहा कि सबसे खास बात यह है कि शिवानी देवी के नाम से बने सुनीता के फर्जी वोटर आइडी कार्ड में उम्र 55 वर्ष लिखा हुआ है। जबकि, जन्म वर्ष 1961 से जोड़ने पर उम्र 58 साल हो जाता है। अवर निबंधक पदाधिकारी अगर चाहते तो वोटर आइडी कार्ड की असलियत का पता आसानी से चल जाता। जबकि, सुनीता 35 वर्ष की देहाती महिला हैं। अवर निबंधक पदाधिकारी के लिए इसका मिलान करना जरूरी है। फोटो और उंगलियों के निशान उनके सामने कराया जाता है। दूसरा जमीन की खरीद बिक्री के समय विक्रेता का नाम, पति या पिता का नाम पूछा जाता है। सुनीता देवी के पति का नाम शंकर सिंह है, जबकि, 70 वर्षीय शिवानी देवी के पति का नाम सुरेंद्र चौधरी है। जिनकी मृत्यु काफी समय पूर्व हो चुकी है। डीआइजी ने कहा कि सुनीता देवी किसी प्रकार 35 वर्ष से अधिक उम्र की नहीं लगती है। ऐसे में तारापुर के तत्कालीन अवर निबंधक पदाधिकारी की जमीन के फर्जी तरीके से बिक्री में संलिप्तता प्रमाणित होती है। इस कारण तत्कालीन अवर निबंधक पदाधिकारी का नाम और पता का सत्यापन कर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। अवर निबंधक पदाधिकारी की गिरफ्तारी नहीं होने पर थानाध्यक्ष पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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