दयानंद वर्मा की हत्या के बाद पुलिस को चकमा देकर सिवान भाग गए थे आरोपित

बगहा। पूर्व जिला पार्षद दयानंद वर्मा की हत्या में पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। 14 फरवरी की देर शाम हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपित पुलिस को चकमा देते हुए सिवान की ओर भाग गए थे। पुलिस दबिश बढ़ने पर बाद में न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले अप्राथमिकी अभियुक्त रिजवान उर्फ कैफी को रिमांड पर लेकर नौरंगिया पुलिस पूछताछ कर रही है। इस क्रम में रिजवान ने पुलिस को यह महत्वपूर्ण जानकारी दी कि इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए आरोपितों ने जिस महिद्रा एक्सयूवी कार का इस्तेमाल किया था, वह उसी के एक ठिकाने पर छिपा कर रखी गई है। इसी कार से शकील और रिजवान एक साथ भागे थे। इस सूचना के आधार पर गुरुवार को पुलिस ने रिजवान के ठिकाने पर छापेमारी करते हुए कार को बरामद कर लिया। कार का रजिस्ट्रेशन नंबर बीआर 22 बी 2266 है। यह कार किसके नाम पर पंजीकृत है, इसका पता लगाया जा रहा है। पुलिस पूछताछ के दौरान रिजवान उर्फ कैफी ने कई अहम सुराग पुलिस को दिए हैं। जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। बता दें कि हत्याकांड में नौरंगिया थाने में कांड संख्या 09/21 दर्ज है। जिसमें नामजद बबलू जायसवाल तथा शोहराब को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जबकि पुलिस अनुसंधान के क्रम में इस कांड के अप्राथमिकी अभियुक्त रिजवान उर्फ कै़फी पिता-मो असलम साकिन एम. एम. कॉलोनी, थाना-सराय जिला सिवान ने बगहा कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। कांड के सूत्रधार ठेकेदार मो. शकील ने भी न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। जिसने ही पूछताछ के दौरान पुलिस को जानकारी दी थी कि रिजवान उर्फ कैफी ने ही दयानंद वर्मा पर गोली चलाई थी। उधर, इस कांड में फरार चल रहे अभियुक्तों के लिए पुलिस ने न्यायालय से वारंट निर्गत करा लिया है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी चल रही है। एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पुलिस अनुसंधान कर रही है। दोषी किसी भी सूरत में बख्से नहीं जाएंगे।


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