बंगाल में मॉब लिंचिंग: SHO को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, परिजन ने FB पर लिखा-यह कैसा 21वीं सदी का भारत है

First Published Apr 10, 2021, 3:43 PM IST

किशनगंज, बिहार. सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के ग्वालपोखर थानांतर्गत पंतापाड़ा गांव में शनिवार तड़के करीब 3 बजे भीड़ ने एक पुलिस अफसर की पीट-पीटकर जान ले ली। बिहार के किशनगंज नगर के थानाध्यक्ष (SHO) अश्विनी कुमार बाइक चोर को पकड़ने गए थे। जैसे ही गांव में पुलिस की टीम पहुंची, गांववालों ने उन्हें घेर लिया। लोगों ने ईंटों-पत्थरों से पुलिस की टीम पर हमला किया। इससे SHO घायल होकर गिर पड़े। उन्हें बचाया नहीं जा सका। इस मामले में मुख्य आरोपी सहित 2 लोगों को अरेस्ट किया गया है। बता दें कि यह इलाका बंगाल के गोलपोखर विधानसभा इलाके में आता है। यहां 22 अप्रैल को वोटिंग है। इस घटना से आहत SHO के बहनोई ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर इसे साजिश बताया है। जानिए पूरा घटनाक्रम...
बता दें कि बंगाल का इस्लामपुर इलाका किशनगंज(बिहार) से करीब 12 किमी दूर है। चूंकि रात थी, इसलिए पुलिस को दिशा का अंदाजा नहीं हुआ। इसी बीच अपराधियों ने गांववालों को भड़का दिया। लोगों को भड़काया गया कि पुलिस बंगाल में हो रहे चुनाव में दखल देने पहुंची है। इसके बाद भीड़ पुलिस पार्टी पर टूट पड़ी और SHO अश्विनी कुमार की जान ले ली।
कुछ पुलिसवाले मौके से भागने में सफल रहे। लेकिन SHO अपनी ड्यूटी निभाते हुए लोगों को समझाने में लगे रहे। मगर किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और मारना शुरू कर दिया। इस मामले में पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा पुलिस ने फिरोज आलम सहित 3 लोगों को हिरासत में लिया है। इस संबंध में बिहार के डीजीपी एस के सिंघल ने पं. बंगाल के डीजीपी से बातचीत की है।
घटना के बाद पूर्णिया के IG सुरेश प्रसाद और किशनगंज के SP कुमार आशीष बंगाल के इस्लामपुर पहुंचे। वहां से अश्विनी कुमार के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद किशनगंज भेजा गया। बता दें कि अश्विनी कुमार पूर्णिया जिले के जानकी नगर थाना इलाके के आजाद चौक स्थित पंचू टोला के रहने वाले थे। सालभर पहले ही वे ट्रांसफर होकर किशनगंज आए थे।
एसपी कुमार आशीष ने क्राइम मीटिंग के दौरान चोरी की घटनाओं के खिलाफ कड़े एक्शन लेने के आदेश दिए थे। शुक्रवार को ही एसपी ने वारंटियों की गिरफ्तारी का काम अश्विनी कुमार को सौंपा था। इस बीच बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि बंगाल में पुलिस की वर्दी का कोई वजूद नहीं है।
परिजनों का दर्द
अश्विनी कुमार के बहनाई दिलीप दर्श ने फेसबुक पर एक पोस्ट की है। दिलीप एक लेखक हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा-बंगाल पुलिस की लापरवाही की वजह से मेरे बड़े साले साहब ( SHO/ Police Inspector, KISHANGANJ) की जान गई। कोई राजनीतिक साजिश भी हो सकती है। भीड़ ने पीट पीट कर मार डाला। यह कैसा समाज है ....इक्कीसवीं सदी का भारत है या मध्यकाल का बर्बर खुरासानी समाज....?? टीवी पर न्यूज देखकर मेरा पूरा परिवार हतप्रभ और सदमें में है। बच्चे पूछ रहे हैं- मामा जी को क्या हुआ?? अभी फरवरी में पूर्णिया से लौटते वक्त भाईजी से किशनगंज में मिले भी थे। उनमें आतिथ्य सत्कार भावना कूट कूट कर भरी थी। हमसे जितना स्नेह रखते थे उतना ही हम पर गर्व भी करते थे। हम उन्हें अपने अभिभावकों में एक मानते थे। इस अभिभावक का साया उठ गया । कैसे करेगा कोई पुलिस की नौकरी?? .....भाई जी आप अभी जितना याद आ रहे हैं उससे कहीं ज्यादा बाद में याद आएंगे जब हम अपने सर पर किसी साये को टटोलेंगे ...और हाथ कुछ नहीं आएगा।
मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस की गिरफ्त में आरोपी। बता दें कि गुरुवार रात किशनगंज में एक लूट की भी घटना हुई थी। पुलिस को इसके आरोपी भी ढूंढ रही थी।

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