रमजान में अल्लाह का जिक्र करने से खुदा करता है उसका फिक्र

नसीहत

शब्बे कद्र की रात हजार रातों से अफजल
रमजान में कोरोना से निजात की मांगें दुआ
फोटो- 12 मौलाना अकील खान मिस्बाही, इमाम, मुर्गिया टोला मस्जिद।
बड़हरिया। एक संवाददाता
प्रखंड के मुर्गिया टोला मस्जिद के इमाम मौलाना अकील खान मिस्बाही ने कहा कि जो बन्दा अल्लाह का जिक्र करता है अल्लाह उसका फिक्र करता है। इस लिए रमजान में अधिक से अधिक अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। रमजान का हर एक पल अल्लाह का जिक्र करना है। जिसमें सबसे अधिक सवाब मिलता है। रमजान का तीसरा आसरा जहन्नुम से आजादी है। इसी असरे में एक रात शब्बे कद्र की आती है जो हजारों साल की रातों से आला और अफजल होती है। इस रात को अगर बन्दा इबादत करता है तो अल्लाह उसकी तमाम दुआएं कबूल करता है। रमजान की एक फजीलत और भी है कि भूखे प्यासे रहने से बहुत सी बीमारियां भी ठीक होती है। खासतौर पर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी रोजा रहने से ठीक हो जाती है। सभी मुस्लमान को रोजा रखना चाहिए। रोजा में कोरोना महामारी से देश की हिफाजत के लिए दुआ मांगनी चाहिए।

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