विराट की जुबान पर क्यों चढ़ गया है फिल्म शोले का डायलॉग- ये हाथ मुझे दे दे ठाकुर

हिंदी फिल्म इतिहास में 'शोले' उन फिल्मों में से है जिसके डायलॉग सबसे ज्यादा याद हैं. लोग हंसी मजाक में भी पूछ लेते हैं- कितने आदमी थे, बहुत नाइंसाफी है या फिर ये हाथ मुझे दे दे ठाकुर. अब ये डायलॉग टीम इंडिया में शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) को लेकर बोला जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि हाल के दिनों में उन्होंने टीम इंडिया (Team India) में अपनी जगह पक्की की है. अब स्थिति ऐसी हो गई है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के प्लेइंग-11 में शार्दुल ठाकुर की दावेदारी काफी मजबूत नजर आ रही है. भारत को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 18 जून से इंग्लैंड के साउथैंप्टन में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलना है.

भारत के पास तेज गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और शार्दुल ठाकुर का विकल्प है. अगर सभी तेज गेंदबाजों की फिटनेस ठीक है तो जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी विराट कोहली की पहली दो पसंद होंगे. इसके बाद तीसरे तेज गेंदबाज के तौर पर शार्दुल ठाकुर को रखने का फायदा ये है कि इससे टीम की बल्लेबाजी और मजबूत होगी. विराट कोहली हाल के दिनों में इस सोच के कप्तान दिखे भी हैं जो बल्लेबाजी की गहराई पर ज्यादा सोचते हैं.
कौन सी बात शार्दुल ठाकुर के पक्ष में जाती है
शार्दुल ठाकुर की बल्लेबाजी तो एक पक्ष है. इसके अलावा गेंदबाजी में स्विंग कराने की काबिलियत उनके पक्ष में जाती है. पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भी हाल ही में एक इंटरव्यू में कहाकि जून में जिस समय पर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जा रहा है उस समय सूरज बहुत तेज नहीं निकलेगा. ऐसे में पिच से स्विंग गेंदबाजों को मदद मिलेगी. भारतीय टीम ने जब न्यूज़ीलैंड का दौरा किया था तो वहां उसे स्विंग गेंदबाजों को खेलने में दिक्कत आई थी. इंग्लैंड की कंडीशंस भी न्यूज़ीलैंड से ज्यादा अलग नहीं होंगी.
शार्दुल ठाकुर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट में शानदार खेल दिखाया था.
ऐसे में शार्दुल ठाकुर ही तीसरे गेंदबाज के तौर पर सटीक विकल्प होंगे. हाल के दिनों में शार्दुल ठाकुर का प्रदर्शन ऐसा रहा है जिसकी चर्चा ढंग से नहीं हुई. जो भारत की जीत में 'शीट एंकर' का रोल निभाते रहे लेकिन सुर्खियों में नहीं आए. ब्रिस्बेन टेस्ट में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो कमाल किया था उसकी चर्चा करने से पहले हाल के दिनों में लिमिटेड ओवर के मैच में उनके प्रदर्शन पर बात कर लेते हैं.
इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में किया था कमाल
इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मैच में भारत को मिली जीत में भी शार्दुल ठाकुर के योगदान पर चर्चा होनी चाहिए. भारतीय टीम ने इंग्लैंड के सामने 318 रन का लक्ष्य रखा था. इंग्लैंड की टीम की शुरुआत जबरदस्त थी. 135 रन तक कोई विकेट नहीं गिरा था. बड़ी बात ये भी थी कि 135 रन सिर्फ 14.2 ओवर में जोड़े गए थे. यानी इंग्लैंड की जीत सामने दिख रही थी. 135 के स्कोर पर ही जेसन रॉय को प्रसिद्ध कृष्णा ने आउट किया. बेन स्टोक्स भी जल्दी ही प्रसिद्ध कृष्णा का शिकार हो गए. लेकिन इंग्लैंड की 'डीप' बैटिंग लाइन अप को देखते हुए अब भी मैच उनके पलड़े में ज्यादा था.
मैच को भारत के पक्ष में मोड़ने का काम किया शार्दुल ठाकुर ने. वो भी बिल्कुल अपने चित परिचित अंदाज में. यानी जोड़े में विकेट लेकर. पहले उन्होंने पारी के 23वें ओवर में जॉनी बेयरस्टो को आउट किया. इसके बाद 25वें ओवर में उन्होंने इंग्लिश टीम की कमर ही तोड़ दी. उन्होंने एक ही ओवर में ऑयन मॉर्गन और जोस बटलर दोनों को पवेलियन का रास्ता दिखाया. अब भारत की जीत का रास्ता साफ था.
इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज की जीत में भी था योगदान
इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज के दूसरे मैच में भारत ने जीत का खाता खोला. इस मैच में शार्दुल ठाकुर ने शानदार गेंदबाजी की थी. उन्होंने 4 ओवर में 29 रन देकर 2 अहम विकेट लिए थे. उन्होंने ऑयन मॉर्गन और बेन स्टोक्स को आउट किया था. तीसरे टी-20 में वो महंगे साबित हुए. लेकिन चौथे टी-20 मैच में एक ही ओवर में दो विकेट लेकर उन्होंने वापसी की. एक बार फिर उन्होंने इंग्लैंड के सबसे खतरनाक बल्लेबाज बेन स्टोक्स और कप्तान ऑयन मॉर्गन को पवेलियन का रास्ता दिखाया. इसके बाद उन्होंने क्रिस जॉर्डन को भी आउट किया. बल्लेबाजी में 4 गेंद पर 10 रन का योगदान भी इस प्रदर्शन में जोड़ना होगा.
आखिरी टी-20 मैच फाइनल जैसा था. शार्दुल ठाकुर ने कमाल किया. एक बार फिर उन्होंने एक ही ओवर में दो बड़े बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा. इस बार उन्होंने पहले जॉनी बेयरस्टो को पवेलियन की राह दिखाई. फिर इसी ओवर में डेविड मलान का भी विकेट लिया. बाद में क्रिस जॉर्डन भी शार्दुल ठाकुर का ही शिकार बने. यानी शार्दुल ठाकुर ने तीन विकेट लिए. शार्दुल ठाकुर ने कुछ इस तरह की 'इमेज' बनाई कि वो जब विकेट लेते हैं तो जोड़े में लेते हैं.
ब्रिस्बेन टेस्ट में 7 विकेट और अर्धशतक
शार्दुल ठाकुर ने ब्रिस्बेन टेस्ट की पहली पारी में 3 विकेट लिए थे. इसके बाद भारतीय टीम जब सिर्फ 186 रन पर 6 विकेट गंवा चुकी थी तो उन्होंने क्रीज का एक छोर संभाला. वाशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की. शार्दुल ने करीब ढ़ाई घंटे बल्लेबाजी की और 67 रन बनाए. इसके बाद इंग्लैंड की दूसरी पारी में उन्होंने 4 विकेट लिए. ये वही पारी थी जिसमें मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर के बीच एक स्वस्थ टक्कर इस बात की चल रही थी कि किसे पारी में पांच विकेट मिलते हैं. दोनों गेंदबाजों ने चार-चार विकेट लिए थे. ये उपलब्धि तो मोहम्मद सिराज को हासिल हुई लेकिन वो कैच शार्दुल ठाकुर ने लपका. मोहम्मद सिराज की खुशी में शार्दुल ठाकुर जिस तरह शामिल हुए उसकी तारीफ हर कोई कर रहा था. भारत ने ब्रिस्बेन टेस्ट में जीत हासिल की थी. अब ये सारे प्रदर्शन शार्दुल ठाकुर के पक्ष में जा रहे हैं.
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