कपिल सिब्बल ने माना फिलहाल बीजेपी का कोई मजबूत विकल्प नहीं, कांग्रेस के लिए कही ये बात

नई दिल्ली, 13 जून: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने माना है कि इस समय देश में बीजेपी के खिलाफ कोई मजबूत राजनीतिक विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ही यह विकल्प दे सकती है, लेकिन इसके लिए पार्टी में हर स्तर सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को दिखाना होगा कि उसने जड़ता नहीं प्राप्त की है और भाजपा के खिलाफ उचित सियासी विकल्प देने में सक्षम है। गौरतलब है कि सिब्बल कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव की आवाज उठाने वाले जी-23 नेताओं में से सबसे मुखर रहे हैं और पहले भी पार्टी की लुंज-पुंज व्यवस्था पर सवाल उठा चुके हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने कहा है कि 'भारत को फिर से उठ खड़े होने वाली कांग्रेस की जरूरत है। लेकिन, इसके लिए पार्टी को यह दिखाने की आवश्यकता है कि वह सक्रिय है, मौजूद है, जागरूक है और सार्थक तरीके से इससे जुड़ने के मूड में है।' उन्होंने कहा है कि, 'ऐसा होने के लिए हमें केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर संगठन की हाइरार्की में व्यापक सुधार की जरूरत पड़ेगी, ताकि यह दिखाया जा सके कि पार्टी अभी भी एक ताकत है और यह अब जड़ता की स्थिति में नहीं है।' सिब्बल कांग्रेस के उस जी-23 के नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को खत लिखकर संगठन में बदलाव और चुनाव का मुद्दा उठाकर बहुत बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था। तबसे लेकर अभी तक सिब्बल इस मामले में स्पष्ट रूप से अपना पक्ष रखते आए हैं।
'फिलहाल बीजेपी का कोई मजबूत विकल्प नहीं'
कांग्रेस नेता ने जहां एक तरफ अपनी पार्टी को आईना दिखाने की कोशिश की है, वहीं यह भी माना है कि मौजूदा समय में बीजेपी के खिलाफ कोई मजबूत राजनीतिक विकल्प नहीं है। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा है कि उन्होंने शासन का नैतिक अधिकार खो दिया है और कांग्रेस को देश के मौजूदा मूड से फायदा मिल सकता है। उन्होंने कहा, 'मौजूदा समय में निश्चित तौर पर एक मजबूत राजनीतिक विकल्प का अभाव है। ठीक इसी संदर्भ में मैंने अपनी पार्टी में कुछ सुधारों का प्रस्ताव दिया था, ताकि देश को एक मजबूत और विश्वसनीय विपक्ष मिल सके।' उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनकी पार्टी का संगठनात्मक चुनाव, जिसे कोविड के नाम पर टाल दिया गया है, वह जल्द ही करा लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए समितियां बनाना तो अच्छा है, लेकिन, जबतक इसके सुझावों पर अमल नहीं किया जाएगा तब तक उसका कोई फायदा नहीं मिलेगा।
'अनुभव और युवा दोनों में बैलेंस बनाने की आवश्यकता'
कपिल सिब्बल ने एक बड़ी बात यह भी कह दी है कि हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और पश्चिम बंगाल में इंडियन सेकुलर फ्रंट के साथ गंठबंधन करना सही नहीं था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह साबित करने में नाकाम रही है कि अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों ही सांप्रदायिकता देश के लिए बराबर खतरनाक हैं। उन्होंने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के नकारा प्रदर्शन के लिए इसे भी एक कारण माना है। पार्टी से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब जितिन प्रसाद के भाजपा में जाने को लेकर वो बोले- ' (पार्टी में)अनुभव और युवा दोनों के बीच बैलेंस बनाने पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।' इससे पहले उन्होंने कहा था कि 'आया राम, गया राम की राजनीति से अब 'प्रसाद की राजनीति' हो चुकी है और पूछा था कि जितिन प्रसाद को बीजेपी से कब 'प्रसाद' मिलेगा।'
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हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा है, ' विधानसभा चुनावों में गैर-बीजेपी दलों की जीत ने दिखाया है कि बीजेपी का कवच कमजोर होता है, जब उसे मजबूत विपक्ष का सामना करना होता है।' उन्हें भरोसा है कि पूरे देश में महामारी से निपटने को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ जनता में बहुत ज्यादा गुस्सा है और कांग्रेस के लिए यह एक मौका साबित हो सकता है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को आगे बढ़कर राष्ट्रहित में एक वैकल्पिक रोडमैप देना होगा और मुझे पूरा विश्वास है कि इसमें हम विजयी होकर निकलेंगे।' उन्होंने पार्टी की चुनाव रणनीति तैयार करने के लिए भी सही लोगों को लाने का सुझाव दिया है, जो कि उनके मुताबिक सरकार की नाकामियों पर कांग्रेस के लिए आधार तैयार कर सके।
source: oneindia.com

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