इंजीनियरिंग की पढ़ाई, टीवी से शुरुआत, बॉलीवुड में नाम कमाने तक ऐसा रहा सुशांत सिंह राजपूत का सफर

सुशांत सिंह राजपूत ने कम समय में ही बॉलीवुड में अपनी पहचान ली थी। फिर एक दिन अचानक पता चला कि उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। 14 जून 2020 को उनके निधन की खबर सुनकर हर कोई हैरान रह गया। उनके करीबी उन्हें एक भावुक और बेहद तेज दिमाग वाले व्यक्ति के रूप में याद करते हैं।

परिवार के ‘गुलशन’ सुशांत सिंह राजपूत का जन्म बिहार के पटना में एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण कुमार सिंह और मां का नाम उषा सिंह है। उनके पिता पटना में बिहार स्टेट हैंडलूम कॉर्पोरेशन में टेक्निकल अधिकारी थे। पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे सुशांत को घरवाले प्यार से गुलशन कहकर बुलाते थे।
घर में पढ़ाई का माहौल सुशांत ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पटना से की। साल 2002 में जब उनकी मां का निधन हो गया तब उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। यहां आकर सुशांत ने अपनी आगे की पढ़ाई की। वो पढ़ाई में काफी तेज हुआ करते थे। बॉलीवुड हंगामा के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि ‘असल में घर में हमेशा पढ़ने वाला माहौल था। उनकी सभी बहनें पढ़ने में बहुत तेज थीं, ऐसे में उनके पास कोई ऑप्शन नहीं था।‘
इंजीनियरिंग में लिया एडमिशन उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी) में एडमिशन लिया और मैकेनिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई करने लगे। वे फिजिक्स में नेशनल ओलम्पियाड जीतने में सफल रहे। असल में सुशांत को इंजीनियरिंग पढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी वो तो परिवार के कहने पर उन्होंने ऐसा किया था। उस वक्त वो एक एस्ट्रोनॉट या एयरफोर्स पायलट बनना चाहते थे। दिल्ली में रहते हुए उनकी रुचि फिल्मों की ओर पढ़ने लगी और उन्हें लगा कि उन्हें इसी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। सुशांत, शाहरुख खान के बड़े फैन थे।
पढ़ाई बीच में छोड़ मुंबई पहुंचे कॉलेज के दौरान सुशांत ने श्यामक डावर डांस क्लास में एडमिशन लिया। वो एक बेहतरीन डांसर भी थे। फिल्म ‘धूम 2’ में वो ऋतिक रोशन के साथ गाने में बैकग्राउंड डांसर थे। 2006 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान उन्होंने ऐश्वर्या राय के साथ क्लोजिंग सेरेमनी में डांस किया। कॉलेज के चौथे साल उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और मुंबई अपनी किस्मत आजमाने पहुंचे।
ऐसे मिला सीरियल में मौका सुशांत मुंबई पहुंचने के बाद नादिरा बब्बर के थियेटर ग्रुप से जुड़ गए और करीब डेढ़-दो साल उन्होंने थियेटर किया। वो मुंबई के मशहूर पृथ्वी थियेटर में काम कर रहे थे एक दिन बालाजी टेलीफिल्म्स की कास्टिंग टीम में से एक ने उन्हें देखा। उन्हें ऑडीशन के लिए बुलाया गया और 2008 में पहली बार सीरियल ‘किस देश में है मेरा दिल’ में मौका मिला।
‘मानव’ बनकर हुए मशहूर एकता कपूर उनके काम से प्रभावित हुईं और 2009 में ‘पवित्र रिश्ता’ में मुख्य किरदार का रोल ऑफर किया। इस सीरियल के बाद वो घर-घर में मानव के नाम से मशहूर हो गए। इसमें उनके साथ अंकिता लोखंडे थीं। दोनों की जोड़ी को पर्दे पर लोगों ने पसंद किया।
बॉलीवुड की फिल्में 2011 में कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने सुशांत को स्पॉट किया जिन्होंने उन्हें फिल्म ‘काई पो छे’ (2013) के लिए ऑडीशन देने को कहा। बस फिर क्या था यहां से सुशांत की गाड़ी बॉलीवुड में चल निकली। इसके बाद सुशांत ने ‘शुद्ध देसी रोमांस’, ‘पीके’, ‘एमएस धोनी’, ‘केदारनाथ’ और ‘छिछोरे’ सहित अन्य फिल्में कीं।
जांच रिपोर्ट का इंतजार पिछले साल 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत का शव उनके बांद्रा स्थित घर पर मिला। उनके निधन के बाद बताया गया था कि वो डिप्रेशन के शिकार थे। हालांकि परिवार वालों ने हत्या का आरोप लगाया था। मामले की जांच पहले मुंबई पुलिस और पटना पुलिस कर रही थी। बाद में सीबीआई इस केस से जुड़ी। फिलहाल इस केस में जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
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