सुशांत की मौत के एक साल- "न न्याय मिला, न जवाब, सिर्फ रिया पर उछलते रहे कीचड़", जांच एजेंसियों के हाथ अब भी खाली

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भले ही 10 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर आधारित फिल्म, 'न्याय: द जस्टिस' की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी सुशांत को लेकर वही सवाल आज भी जिंदा है जो 14 जून 2020 के बाद 'न्याय' की मांग के नाम पर उठे थे। बॉलीवुड-राजनीति के एक तपके से लेकर मीडिया हाउसेज के एक बड़े वर्ग ने इसमें पूरी ताकत झोक दी थी, फिर भी "हत्या और आत्महत्या" की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है। अभिनेत्री कंगना रनौत ने कई सवाल उठाए थे। मामले में जांच कर रही एजेंसियां- सीबीआई, ईडी, एनसीबी सभी के हाथ अभी भी खाली हैं। ना कोई तथ्य, ना कोई सुराग। इससे उलट दिवगंत अभिनेता की एक्स-गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पर हत्या के आरोप लगे और उन्हें कई महीनों तक "मीडिया ट्रायल" का सामना करना पड़ा। रिया चक्रवर्ती को मीडिया ने सुशांत की मौत का करीब-करीब जिम्मेदार मान लिया था, लेकिन, बीते अक्टूबर में उन्हें मुंबई हाइकोर्ट से जमानत मिल गई थी। कोर्ट ने साफ-साफ कहा था कि रिया किसी ड्रग रैकेट का हिस्सा नहीं थीं। कोर्ट ने कहा था, "हम इस बात को नहीं मान सकते कि रिया ड्रग डीलर के साथ हैं। कोई ड्रग का सेवन करता है तो वह दोषी है, लेकिन वह ड्रग रैकेट का हिस्सा नहीं हो सकता है।" मामले में रिया के भाई शौविक चक्रवर्ती और अब्दुल बासित परिहार की भी गिरफ्तारी हुई थी।
एक साल बाद भी पूरे मामले की तफ्तीश तीन केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) कर रही हैं। सुशांत को 'न्याय' मिला या नहीं ये सवाल अभी भी है। लेकिन, एनसीबी की एंट्री होने के बाद ड्रग्स का नया एंगल जरूर आ गया। इस मामले में रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक के साथ-साथ अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, सारा अली खान समेत कई लोगों की एनसीबी के पास पेशी हो चुकी है। यही नहीं, शुरुआती जांच के बाद आउटलुक को दिए इंटरव्यू में एनसीबी प्रमुख राकेश अस्थाना ने कहा था कि हम पूरे मामले की तह तक जाएंगे। इसमें किसी को नहीं बख्शा जाएगा। लेकिन जिस तरह से रिया की जमानत पर कोर्ट की टिप्पणी आई है, उससे लगता है कि एनसीबी को आने वाले समय में पुख्ता केस बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ेगा।
बीते दिनों रिया चक्रवर्ती ने एनसीबी के सामने इस बात का भी खुलासा किया था कि सुशांत सिंह राजपूत के मरजुआना लेने की आदत की बात उनके परिवार वालों को पता थी। कुल मिलाकर एक साल में इस पूरे प्रकरण की गुत्थी उलझती गई। एजेंसियां अब तक किसी भी सवालों के जवाब सामने लेकर आने में असफल रही हैं। लोगों को इंतजार अब तक है कि सुशांत की मौत कैसे हुई, बॉलीवुड में ड्रग्स का कनेक्शन कितना गहरा है।
हां, इस बीच ड्रामा, टिका-टिप्पणी भरपुर देखने को मिला। जांच के नाम पर मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस में भिड़ंत, तू-तड़ाक की नौबत और बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का रिया को अलटिमेटम। एनसीबी बॉलीवुड ड्रग्स कनेक्शन के तार को छानने में लगी रही और अभी भी गिरफ्तारी और पूछताछ जारी है। बीते 28 मई को सुशांत के खास दोस्त सिद्धार्थ पिठानी को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वो जमानत अर्जी के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।
वहीं, पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में एम्स की रिपोर्ट ने मर्डर थ्योरी को खारिज कर दिया था। जबकि सुशांत सिंह राजपूत मामले के वकील विकास सिंह ने कहा था कि एम्स को ये कहने का अधिकार नहीं है। वो कैसे इन बातों को कह सकता है। एम्स दिल्ली की फॉरेंसिक रिपोर्ट ने सुशांत की मौत को आत्महत्या बताते हुए 'मर्डर थ्योरी' को खारिज कर दिया था और मुंबई के कूपर अस्पताल की रिपोर्ट पर सहमति जताई थी। लेकिन, वास्तविकता क्या है, इस बात को लेकर एक साल बाद भी सीबीआइ की रिपोर्ट का सभी को इंतजार है। आत्महत्या वाले रिपोर्ट को लेकर एम्स के फॉरेंसिक मेडिकल बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुधीर गुप्ता ने आउटलुक से कहा था, "रिपोर्ट में वही बातें हैं, जो पैनल के सामने आईं। गले में फंदे के अलावा शरीर पर अन्य किसी चोट का निशान नहीं था। हाथापाई के भी सबूत नहीं मिले। यह आत्महत्या का मामला है। आगे की जानकारी सीबीआई देगी। एजेंसी को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है।" अब उस सौंपे गए रिपोर्ट का क्या हुआ किसी को नहीं पता?
एम्स की रिपोर्ट पर सुशांत सिंह के पिता का केस लड़ रहे वकील विकास सिंह ने सवाल उठाए थे। उन्होंने सीबीआइ निदेशक को पत्र लिखकर नई फॉरेंसिक टीम गठित करने की मांग की थी। उनका कहना है कि अंतिम रिपोर्ट सीबीआई को देनी है। वो बताए कि सुशांत की मौत आत्महत्या थी या हत्या। एम्स इस बात को कैसे कह सकता है? लेकिन, टीम गठन का क्या हुआ। ये भी किसी को नहीं पता। आउटलुक ने कई बार मामले की वर्तमान स्थिति को जानने के लिए वकील विकास सिंह से संपर्क करने की कोशिश की है लेकिन उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
हालांकि, एम्स की रिपोर्ट के बाद आउटलुक से बातचीत में विकास सिंह ने कहा था, "पत्र का अभी तक जवाब नहीं मिला है। एम्स के डॉ. गुप्ता ने जो बातें पहले कही थीं, उससे वे पीछे हट रहे हैं। उन्होंने पहले सुशांत की मौत को 'दो सौ फीसदी मर्डर' का मामला बताया था। एक बात और समझनी चाहिए कि एम्स को सिर्फ कूपर अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट पर राय देनी थी। वह इसे गले में फंदा का मामला बता सकता हैं, लेकिन यह आत्महत्या है, ऐसा कैसे कहा जा सकता है? इसे तो जांच एजेंसी को तय करना है।"
सुशांत सिंह राजपूत मामले में टीआरपी का शोर भी जमकर गरजा। राजपूत के मौत की गुत्थी की चीर-फाड़ में लगी मीडिया, खुद ही टीआरपी घोटाले के भंवर में फंस गई। रिपब्लिक समेत तीन चैनलों पर टीआरपी में हेर-फेर का आरोप लगा। वहीं, बॉलीवुड इंडस्ट्री की चार एसोसिएशन और 34 प्रोडक्शन हाउस ने दो चैनलों और उनके चार पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर की। आरोप लगाया गया कि इन न्यूज चैनलों ने बॉलीवुड हस्तियों के खिलाफ गैर-जिम्मेदाराना और अपमानजनक रिपोर्टिंग की है।
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून 2020 को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में आत्महत्या की थी या उनकी हत्या की गई थी, ये सवाल 365 गुजर जाने के बाद आज भी जस-का-तस बना हुआ है। कहीं, मीडिया ट्रायल, शोर-शराबा, बॉलीवुड ड्रग्स-कनेक्शन और टीआरपी तड़का के बीच सरकारी फाइल की तरह दब तो नहीं गया...?

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