नप संपत्ति कर वसूली के मामले में गबन के मास्टरमाइंड पर प्रश्नचिह्न



अररिया। फारबिसगंज नगर परिषद में संपत्ति कर वसूली मामले में गबन की आशंका को लेकर दैनिक जागरण में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद जहां शहर के लोगों में खूब चर्चा हो रही है। वहीं दूसरी ओर नगर परिषद में गबन करने वाले तथाकथित कर्मियों में हड़कंप का माहौल बना हुआ है। जानकारों की माने तो नगर परिषद को कालकोठरी भी कहा जाता है। जहां गबन करने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी होती है। जिसकी जांच शुरू तो होती है लेकिन जद तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती है। जानकार बताते हैं कई ऐसे मामले उजागर भी हुए और जांच भी शुरू हुई लेकिन जांच खत्म होने से पहले इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। हालांकि मुख्य पार्षद चंदा जायसवाल खुद यह जांच लेकर उठी है और जांच को लेकर काफी आक्रमक तेवर अपनाते हुए लगातार कर संग्रहकर्ताओं से ब्यौरा ले रही है। ऐसे में इस जांच को लेकर भी शहर के लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। बिहार नगर पालिका अधिनियम की बात करें तो मुख्य पार्षद कर संग्रह मामले में सर्वोच्च हैं और कार्यपालक पदाधिकारी की भी शक्तियां इसके अंदर निहित होती है। ऐसे में दबी जुबान लोगों के बीच यह चर्चा भी खूब हो रही है कि चार साल में होल्डिग टैक्स मद में वसूली की गई रुपये के गबन का मुख्य मास्टरमाइंड कौन है ? किसके सह पर मास्टरमाइंड राजस्व गबन के आंकड़ों को चार साल तक छुपाता रहा है ? राजस्व गबन मामले में कार्यपालक पदाधिकारी एवं मुख्य पार्षद की नजर से मास्टरमाइंड अब तक क्यो बचता रहा है ? क्या जनता के रुपये गबन मामले में अब तक लीपापोती होती रही ? ऐसे कई अनुत्तरित सवाल हैं जिसका जवाब मुख्य पार्षद के द्वारा शुरू की गई जांच के खत्म होने के बाद आना बाकी है। बहरहाल जो भी हो मुख्य पार्षद के द्वारा कर संग्रहकर्ता से लिए गए प्रतिवेदन के अनुसार चार साल में नगर परिषद के सात संग्रहकर्ताओ कि द्वारा 3 करोड़ 78 लाख 3 हजार 671 रुपये वसूली करने का प्रतिवेदन समर्पित किया गया है। मंगलवार को भी नगर परिषद कार्यालय में मुख्य पार्षद के द्वारा कर संग्रहकर्ताओं से प्रतिवेदन लिया गया। मुख्य पार्षद ने जानकारी देते हुए कहा कि दो कर संग्रहकर्ताओं ने नाजिर रशीद नही दिया है।

इनसेट
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नगर परिषद में पिछले 4 साल में दो करोड़ से ज्यादा के गबन का लगाया गया है आरोप -
फारबिसगंज नगर परिषद में गबन को लेकर पूर्व उप मुख्य पार्षद अजातशत्रु अग्रवाल एवं समाजसेवी संतोष मिश्रा ने होल्डिग टैक्स, गुमटी कर वसूली, दुकान भाड़ा, बस स्टैंड आदि में दो करोड़ से ज्यादा गबन का आरोप लगाते हुए कार्यपालक पदाधिकारी को विगत दिसम्बर 2020 में जांच के लिए ज्ञापन सौंपा है। वही पूर्व मुख्य पार्षद सुनीता जैन, पूर्व उप मुख्य पार्षद शाद अहमद, मनोज जायसवाल आदि के द्वारा भी गबन को लेकर शिकायत करते हुए ज्ञापन सौंपकर जांच करने की मांग की गई थी। जिस पर ना कोई जांच हुई और ना ही किसी पर कार्रवाई हुआ। हालांकि मुख्य पार्षद के द्वारा अब करसंग्रहकर्ताओं के साथ कर वसूली मामले में जांच शुरू की गई है। जिसको लेकर ज्ञापन सौंपने वाले पूर्व जनप्रतिनिधियों में भी उत्सुकता बढ़ी हुई है।
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