जिले के 75 प्रतिशत पीडीएस डीलरों को अब तक नहीं दिया गया कमीशन

समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में मंगलवार को डीडीसी अंशुल कुमार ने आपूर्ति एवं खाद्यान वितरण की समीक्षा बैठक की। समीक्षा में जिला को-आपरेटिव बैंक के चेयरमैन संतोष कुमार सिंह ने कई मुद्दों को उठाया।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार के द्वारा लाकडाउन के समय में लाभुकों के बीच जो मुफ्त में राशन का वितरण डीलरों के द्वारा कराया गया उसका आजतक कमीशन का भुगतान नहीं किया गया है। सरकार के नियम के अनुसार 70 पैसा कमीशन पीडीएस डीलरों को मिलना है पर जिले में अब भी 75 प्रतिशत डीलरों को नहीं दिया गया है। चेयरमैन ने कहा कि फर्जी लाभुक की सूचना पर दुकानों की जांच बंद होनी चाहिए। बोरा का मामला उठाते हुए कहा कि पहले खाली बोरा को डीलर बाजार में बेच देते थे पर जब बाजार में न बेचकर पैक्सों को देने का गाइडलाइन जारी हुआ है पर पैक्सों के द्वारा खाली बोरा को नहीं लिया जा रहा है, जिससे डीलरों की परेशानी बढ़ गई है। खाली बोरा को पूर्व की तरह बाजार में बेचने का निर्देश जारी करने की बात कही। चेयरमैन ने कहा कि गोह एवं ओबरा के ट्रांसपोर्टर की लापरवाही से डीलरों को समय पर खाद्यान्न नहीं मिलता है जिससे लाभुकों को बांटने में परेशानी होती है। डोर स्टेप डिलेवरी सिस्टम में सुधार करने की बात कही। बैठक के दौरान डीडीसी ने जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम शैलेंद्र कुमार को निर्देश दिया गया कि पूरे जिले में खाद्यान्न का उठाव एवं पीडीएस डीलरों तक इसका डिस्पैच समय पर किया जाए। पीडीएस दुकानों की नियमित जांच एमओ के स्तर से कराए जाने का निर्देश दिया गया। डीडीसी ने कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि प्रखंडों के गोदामों से डीलरों को समय पर खाद्यान्न मिले और पीडीएस दुकानों से लाभुकों को हर माह समय से राशन का वितरण किया जाए। सदर अनुमंडल पदाधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। बताया गया कि जिले में एसएफसी के गोदामों से पीडीएस दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टरों को नियुक्ति की गई है। एसएफसी के गोदामों से डीलरों को दी जाने वाली खाद्यान्न के बोरे में करीब पांच किलो अनाज की कमी रहने के सिस्टम को अबतक नहीं सुधारा गया है।

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