इस मौसम में खान-पान में बरतें सावधानी, वरना हो जाएंगे बीमार

जहानाबाद: बरसात में खानपान में सावधानी बरतकर कई बीमारियों से बचा जा सकता है। यह मौसम वैक्टीरिया से लिए अनुकूल होता है। बासी खाना और गंदा पानी पीने से टायफाइड, डायरिया, पीलिया आदि रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से मलेरिया और डेंगू का कहर भी शुरू हो जाता है। ज्यादातर डायरिया बच्चों को होता है। बरसात के मौसम में प्रदूषित पानी पीने से ज्यादा बीमारी होती है। पानी को दो मिनट उबाल लें और ठंडा कर पीने से पीलिया, डायरिया और टायफायड की रोकथाम की जा सकती है। इस मौसम में होने वाली बीमारी टायफायड


टायफायड को मियादी बुखार भी कहा जाता है। यह दूषित पानी या भोजन करने से होता है। पेट या पेट की मांसपेशी में दर्द, उल्टी, दस्त, पेट फूलना, थकान, बुखार और भूख नहीं लगना इस बीमारी के लक्षण हैं। यह बीमारी साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से होती है। डायरिया
उल्टी होना, भूख में कमी होना, कमजोरी लगना डायरिया के लक्षण हैं। डायरिया होने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है। अत: चीनी और नमक का घोल या ओआरएस मरीज को पिलाएं। नसों में खिचाव, कमजोरी और बुखार भी होता है। पीलिया
भूख कम लगना, उल्टी होना, पेशाब पीला होना, आंख पीली होना आदि पीलिया के लक्षण हैं । इससे बचने के लिए होटल एवं फुटपाथ पर बिक रहे सामान न खाएं। बासी खाना नहीं खाएं, ताजा बना हुआ खाना खाएं। पानी को दो मिनट उबाल लें, उसे ठंडा कर पीएं। मच्छरदानी लगाकर सोएं बरसात के मौसम में गढ्डों में पानी जमा हो जाता है। जाम पानी में मच्छर लार्वा को जन्म देता है। इससे मच्छरों की बढ़ोतरी होती है। मच्छर के काटने से मलेरिया और डेंगू होने की संभावना होती है। जलजमाव नहीं हो इसका ख्याल रखें। घर के आसपास सफाई रखें। रात को मच्छरदानी लगाकर सोएं। -----
कोट:: बरसात में खानपान पर ध्यान देना सेहत के लिए काफी जरूरी है। हमेशा प्रयास करें कि बाजार का खाना नहीं खाएं। घर में बने ताजा भोजन तथा स्वच्छ जल का ही सेवन करें। शरीर में किसी प्रकार की समस्या होने पर चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।
डा. गिरिजेश कुमार, फिजीशियन
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