सरकारी राशि गबन मामले में पंचायत सचिव की नौकरी खत्म, तीन पंचायतों के मुखिया पर दर्ज होगी प्राथमिकी

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। सरकारी राशि गबन के अलावा अन्य आरोपों में देव प्रखंड में कार्यरत पंचायत सेवक नन्हेश्वर प्रसाद रवी की नौकरी डीएम सौरभ जोरवाल ने खत्म कर दिया है। आरोपित पंचायत सेवक को नौकरी के करीब तीन वर्ष पूर्व अनिवार्य सेवानिवृति का दंड दिया गया है।

डीएम के हवाले से सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने बताया कि आरोपित पंचायत सेवक पर बारुण प्रखंड के मेंह पंचायत में पदस्थापन के समय 46 हजार 781 रुपये गबन का आरोप है। मृत्यु प्रमाण पत्र में जालसाजी करने के अलावा पिपरा पंचायत में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, 13वीं वित्त आयोग के अलावा अन्य सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी करने का आरोप है। आरोपों की जांच में मामला सही पाए जाने के बाद तत्कालीन बीडीओ के जांच रिपोर्ट पर तत्कालीन सदर एसडीएम के द्वारा पंचायत सेवक के विरुद्ध 9 फरवरी 2012 को प्रपत्र क गठित की गई थी।
प्रपत्र क गठित होने के बाद तत्कालीन जिला प्रोग्राम पदाधिकारी राजेश कुमार को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया था। संचालन पदाधिकारी के द्वारा भी पंचायत सेवक के विरुद्ध लगे आरोप को सही पाया गया था। संचालन पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन पर डीएम ने कार्रवाई करते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड दिया है।
डीएम ने लेखापाल पर भी कार्रवाई के दिए आदेश
15 वें वित्त आयोग की टाइड अनुदान मद की राशि खर्च करने के मामले में सदर प्रखंड के तीन पंचायतों में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। डीएम सौरभ जोरवाल के द्वारा 15 वें वित्त आयोग की टाइड अनुदान मद की खर्च किए गए राशि एवं इस योजना के कार्य की समीक्षा के दौरान सदर प्रखंड के इब्राहिमपुर, फेसर एवं खैरा मिर्जा में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है।
समीक्षा में पाया गया कि नियमों की अवहेलना करते हुए इब्राहिमपुर पंचायत के द्वारा 9,00000, फेसर के द्वारा 12,22,904 एवं खैरा मिर्जा पंचायत के द्वारा 10 लाख रुपए की डस्टबिन की खरीदारी की गई है। डीएम के हवाले से सूचना जन संपर्क पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने बताया कि इन पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव एवं लेखापाल को दोषी पाया गया है। सभी से स्पष्टीकरण की मांग की जा रही है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के उपरांत इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने एवं अन्य अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
डीपीआरओ ने बताया कि अन्य पंचायतों के भी कार्यों की समीक्षा की जा रही है। जिन पंचायतों में ऐसे मामले पाए जाएंगे उनके मुखिया, पंचायत सचिव एवं लेखापाल के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अभी सभी ग्राम पंचायतों के लेखापाल सह आइटी सहायकों को निर्देश दिया गया है कि वे टाइड मद की राशि से डस्टबिन का भुगतान नहीं करें। इस संबंध में विभाग से मार्गदर्शन की मांग की गई है। बता दें कि यह मामला जिले के कमोवेश सभी प्रखंडों के पंचायतों में जांच में निकल सकता है।

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