मुख्यमंत्री बनने के बाद, पहले दिन से ही किया चुनौतियों का सामना : येदियुरप्पा

बेंगलुरू, 24 जुलाई बी एस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद पहले दिन से ही उन्हें कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन वह इस बात को लेकर संतुष्ट हैं कि उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए ईमानदार प्रयास किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शिवमोगा जिले और अपने शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र का चौतरफा विकास सुनिश्चित कर लोगों से किया गया वादा निभाया है, जिस पर उन्हें गर्व महसूस होता है।
येदियुरप्पा ने अपने कार्यालय से ऑनलाइन तरीके से शिवमोगा जिले में 1,074 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करने और 560 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद यह बात कही।
उन्होंने कहा, ''मैं इस बात को लेकर संतुष्ट हूं कि पिछले दो वर्षों में हमने शिवमोगा जिले के विकास के लिए अधिकतम प्रयास किए हैं। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है, वे इसका प्रमाण हैं। मुझे गर्व है कि शिवमोगा जिले और अपने शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र के चौतरफा विकास को सुनिश्चित कर मैंने लोगों से किया गया वादा निभाया है। शिकारीपुरा ने ही मुझे राजनीति में प्रवेश दिलाया।''
येदियुरप्पा ने कहा, ''जिस दिन से मैंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है, उस दिन से लेकर अब तक मुझे प्राकृतिक आपदाओं जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनका सामना राज्य ने पहले कभी नहीं किया था। अब यह कोविड-19 महामारी आ गयी है, जिसने लोगों की जिंदगी ही बर्बाद कर दी। एक बार फिर बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है। ''
शिवामोगा समेत अन्य आठ जिलों के उपायुक्तों को राहत एवं बचाव कार्य चलाने के निर्देश देने के बाद उन्होंने कहा, ''मैं इस बात को लेकर संतुष्ट हूं कि तमाम चुनौतियों के बावजूद मैंने लोगों के जीवन और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए हैं। लोगों के समर्थन के लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं।''
सोमवार को पद पर उनका आखिरी दिन होने का संकेत देते हुए येदियुरप्पा ने हाल में कहा था कि वह 25 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलने वाले निर्देश के आधार पर वह 26 जुलाई से 'अपना काम' शुरू करेंगे। सोमवार 26 जुलाई को येदियुरप्पा सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं।
गौरतलब है कि शिकारीपुरा में पुरसभा अध्यक्ष के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले येदियुरप्पा पहली बार 1983 में शिकारीपुरा सीट से विधानसभा के लिए चुने गए थे और वहां से आठ बार जीते हैं।
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