चूरू : रंगरेलियां मनाता आबकारी थाना इंचार्ज गिरफ्तार, पुलिस ने जिस्मफरोशी के धंधे का किया खुलासा

चूरू. राजस्थान के चूरू जिला मुख्यालय के सदर थानार्न्तगत रिहायशी इलाके अग्रसेन नगर में किराये के मकान में चल रहे जिस्मफरोशी के धन्धे का चूरू पुलिस ने फंडाफोड़ किया है. सीओ सिटी ममता सारस्वत की अगुवाई में हुई कार्रवाई में 3 महिलाओं सहित एक पुरुष को रंगरेलियां मनाते गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपी रणवीर सिंह चूरू आबकारी थाने का इंचार्ज निकला, जो झुंझुनूं जिले का रहने वाला है. पुलिस ने गिरफ्तार आबकारी थाना इंचार्ज रणवीर सिंह की पहचान छुपाने की भी कोशिश की. गिरफ्तार आरोपियों को बैरक में न रखकर सदर थाने के कमरे में खास जगह दी गई.पुलिस ने बताया कि इस जिस्मफरोशी के धंधे के तार मुम्बई और बंगाल से जुड़े हैं. पुलिस ने इस छापेमारी में गांव घंटेल की रहनेवाली महिला दलाल सीमा सहित, बंगाल की पियारू निशा और मुम्बई के ठाणे की हलीमा खान को भी गिरफ्तार किया है. दोनों युवतियां दो दिन पहले ही चूरू आई थीं. सूत्रों की माने तो दलाल की मार्फत महिलाओं को कोलकाता, मुंबई, दिल्ली और पश्चिम बंगाल से दो से तीन महीने के लिए अच्छी रकम देकर मंगवाया जाता है. बताया जा रहा है कि दलाल सीमा मेघवाल जिस्मफरोशी के धंधे से काफी समय से जुड़ी हुई है.शहर के सबसे पॉश कहे जाने वाले अग्रसेन नगर स्थित पीएचसी के पीछे काफी समय से जिस्मफरोशी का धंधा चल रहा था. मामले में पुलिस ने तीन महिलाओं सहित एक ग्राहक को मौके से गिरफ्तार किया है. एसपी नारायण टोगस ने अनैतिक कार्य करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है. चूरू शहर में साल 2016 के बाद पहली बार पीटा एक्ट के तहत यह कार्रवाई हुई है. सीओ सिटी ममता सारस्वत ने बताया कि अग्रसेन नगर स्थित पीएचसी के पीछे किराए के मकान में जिस्मफरोशी का धंधा चलने की सूचना मिली थी. उन्होंने बताया कि इस पर एक पुलिसकर्मी को बोगस ग्राहक बनाकर भेजा गया. वहां मौजूद महिला ने सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 500 रुपये मांगे. बोगस ग्राहक बने पुलिसकर्मी का इशारा मिलते ही टीम ने अचानक दबिश दी. जिस्मफरोशी का धंधा सीमा मेघवाल चला रही थी. मौके से पियारू निशा, हलीमा और चूरू के आबकारी थाने के इंचार्ज रणवीर नायक को गिरफ्तार कर लिया गया है.आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भी सीओ सिटी की अगुवाई में पुलिस की ओर से रेलवे स्टेशन रोड पर चूरू पैलेस होटल में वेश्यावृति की सूचना पर दबिश दी गई थी, लेकिन ऐन वक्त पर सूचना लीक होने से पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा था. इस बार पूरी कार्रवाई में काफी सतर्कता बरती गई. इस बारे में पुलिस के उच्चाधिकारियों सहित कुछ पुलिसकर्मियों को ही मामले की जानकारी थी.

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