मशरूम उत्पादन को ले तेलहारा में कार्यशाला आयोजित

औरंगाबाद। मशरूम की खेती छोटे किसान के लिए आय का मुख्य श्रोत बन सकता है। इसके उत्पादन के लिए खेत की जरूरत नहीं है। प्रत्येक किसान अपने घरों में गठरी बनाकर मशरूम का उत्पादन कर सकता है। ये बातें बीएचओ पीयूष पांडेय ने कहा। वे शनिवार को प्रखंड के तेलहारा गांव में आत्मा के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में प्रगतिशील किसानों को ट्रेनिग दे रहे थे। कहा कि मशरूम में पोषण का भरपूर श्रोत है। मशरूम खाद्य पदार्थ व औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। मशरूम से बनाए जाने वाले आचार बिस्किट, सब्जी सहित विभिन्न उत्पाद के संबंध में जानकारी दी। कहा कि मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत अनुदानित दर पर प्रशिक्षित किसानों को मशरूम का कीट दिया जाना है। इसके लिए प्रति बैग 60 रुपये लागत निर्धारित है। मशरूम लगाने वाले उत्पादकों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाना है। कहा कि जो किसान आत्मा या केवीके स्तर से प्रशिक्षण ले चुके हैं उन्हें निश्चित रूप से योजना का लाभ दिया जायेगा। कार्यक्रम में बीएचओ के साथ साथ सहायक तकनीकी प्रबंधक कृष्ण मुरारी प्रसाद ने किसानों को ड्रीप सिचाई एरिगेशन व एकीकृत उद्यान विकास योजना का लाभ प्राप्त करने पर जोर दिया। इस मौके पर राजीव कुमार, अशोक मेहता, ओमप्रकाश कुमार, दीपक कुमार, रविशंकर कुमार, राकेश कुमार मेहता व अमरजीत कुमार सहित मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय कार्यशाला में कृषकों को आयस्टर व बटन मशरूम लगाने से लेकर सिचाई भंडारण व बिक्री की तरकीब बताई गई। किसानों से आह्वान किया गया कि वे इसका लाभ उठायें।


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