जयराम बने पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष

नवादा। बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन की नवादा शाखा की नई कमेटी गठित हो गई है। सोमवार को संगठन के केंद्रीय कार्यालय पटना में वोटों की गिनती के बाद नए अध्यक्ष, मंत्री समेत अन्य पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की गई। जयराम कुमार यादव ने अपने प्रतिद्वंद्वी सुबोध यादव को 408 मतों के अंतर से पराजित करते हुए अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। जयराम कुमार यादव ने 654 मत प्राप्त कर अध्यक्ष पद कब्जा जमाया।

अमित पासवान ने 654 मत प्राप्त कर मंत्री पद पर जीत सुनिश्चित की। उपाध्यक्ष पद पर मनीष कुमार ने 600 व अनिल कुमार ने 691 मत प्राप्त किया। जबकि संतोष कुमार 623 मत प्राप्त कर कोषाध्यक्ष पद पर काबिज हुए। नवल कुमार निराला ने 662 मत प्राप्त कर संयुक्त मंत्री, नीरज मिश्र ने 657 मत प्राप्त कर केंद्रीय सदस्य और संजू कुमारी ने 715 मत लेकर अंकेक्षक पद पर कब्जा किया।

प्रतिद्वंद्वी गुट से सुबोध कुमार यादव को अध्यक्ष पर मात्र 246 वोट मिले। वहीं सचिव पद पर अमरेंद्र कुमार पासवान को 242, उपाध्यक्ष पद पर खड़े अमित कुमार को 182 व मो. फिरोज 207 मत मिले। वहीं धर्मेंद्र कुमार को कोषाध्यक्ष पद के लिए 270, अरविद कुमार को संयुक्त मंत्री पद पर 227, बिहारी कुमार को केंद्रीय सदस्य पद पर 242 और प्रियंका कुमारी को अंकेक्षक पद पर 191 वोट ही मिल सके। उपाध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी लक्ष्मण यादव को 96 मत मिले। जीत दर्ज होने के बाद विजयी उम्मीदवारों में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं समर्थकों में भी जश्न का माहौल रहा। विजयी प्रत्याशियों को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया।
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नवनिर्वाचित अंकेक्षक संजू को मिला सबसे ज्यादा मत
- अंकेक्षक पद पर विजयी हुईं संजू कुमारी को सबसे ज्यादा मत प्राप्त हुए। अन्य पदों पर पुरुष पुलिसकर्मी खड़े हुए थे। एकमात्र अंकेक्षक पद पर ही महिला पुलिसकर्मी ने नामांकन किया था। जिसमें संजू को सर्वाधिक 705 वोट मिले। जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी प्रियंका कुमारी को मात्र 191 वोट ही मिल सके। अन्य पदों पर जीतने वाले या हारने वाले किसी भी पुरुष प्रत्याशी को संजू के बराबर वोट नहीं मिला। इस प्रकार संजू ने सर्वाधिक वोट पाते हुए अंकेक्षक पद पर कब्जा जमाया।
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पटना में कराई गई वोटों की गिनती
- गौरतलब है कि 24 अगस्त को पुलिस लाइन स्थित एसोसिएशन भवन में मतदान के दौरान जमकर बवाल हुआ था। चुनाव प्रभारी पर मतदान में पक्षपात करने का आरोप लगा था। तब दोनों गुटों में जमकर मारपीट हुई थी। संगठन की केंद्रीय कमेटी की पहल पर दोनों पक्षों ने मतगणना के लिए सहमति बनाई। सशस्त्र बलों के साथ मतपेटी को पटना ले जाया गया। जहां संगठन के केंद्रीय पदाधिकारियों की मौजूदगी में वोटों की गिनती कराई गई।

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