सारण में बालू तस्कर अब पुलिस पर कर रहे जानलेवा हमला

ेजासं, छपरा: सरकार की ओर से लगी रोक व पुलिस की दबिश के बाद बालू तस्कर उग्र हो गए हैं। वर्चस्व की लड़ाई भी खूब हो रही है। आए दिन हिसक झड़प हो रही है। इसके बाद भी जिले में बालू का अवैध कारोबार नहीं रुक रहा है। लाभ से भरपूर इस कारोबार को लेकर पुलिस के साथ भिड़ने से भी बालू तस्कर पीछे नहीं हटते हैं। कई बार बालू कारोबारियों की झड़प हो चुकी है। आमने-सामने की मुठभेड़ में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो चुके हैं।

सोमवार की घटना में गड़खा थानाध्यक्ष अमृतेश कुमार समेत लगभग 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। कुछ महीने पूर्व बालू तस्करों ने डोरीगंज थाने के पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया था। मांझी से लेकर सोनपुर तक का दियारा क्षेत्र तथा गंगा के तटीय इलाके इस कारोबार के केंद्र में है। पटना के दानापुर थाना अंतर्गत मनेर से कोईलवर के सोन नदी तक नावों की लंबी कतार होती है। उत्खनन तथा भंडारण पर रोक के बाद भी तस्कर कानून को धत्ता बताते हुए सरकार के निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन करते रहे हैं। जब भी पुलिस टीम ने रोकने तथा दबिश बनाने का प्रयास किया तस्करों व उनके समर्थकों ने उनके साथ से पंगा ले लिया। 2017 में सोनपुर के थानाध्यक्ष कारोबारियों के चंगुल में फंसे। सोनपुर के परवेजाबाद गांव के समीप हुई मुठभेड़ में थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके बाद आनंदपुर में एक दरोगा को बालू कारोबारियों के बाइक सवार गुर्गों ने घेर लिया और उनपर हमला बोल दिया था। उनका कसूर केवल इतना ही था कि उन्होंने बालू लदे ट्रैक्टर को रोकने का प्रयास किया था। एक बालू नाव पर लगभग डेढ़ दर्जन मजदूर होते हैं मजदूर उत्खनन से लेकर लदान व बालू तथा उसकी बिक्री तक का जिम्मा लिए होते हैं। सोनपुर में हाल में ही रंगदारी का विरोध किए जाने पर एक बालू मजदूर को गोली मार दी गई। उसकी नाव पर ही मौत हो गई थी। वह मजदूर सबलपुर पश्चिमी पंचायत अंतर्गत रायपुर हसन का रहने वाला था।

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- सरकारी रोक व पुलिस दबिश के बाद उग्र हो रहे बालू के अवैध कारोबारी
- दर्जनों गिरफ्तारियों के बाद भी कई बार आमने-सामने की कर चुके हैं मुठभेड़
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