शिवहर सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर टेस्ट का ट्रायल शुरू

शिवहर। सरोजा सदर अस्पताल शिवहर में बहुत जल्द लोगों को आरटीसीपीआर टेस्ट की सुविधा मिलने लगेगी। इससे जहां रिपोर्ट के लिए लोगों को लंबे इंतजार से मुक्ति मिलेगी। वही शिवहर में ही जांच बाद रिपोर्ट मिलेगी। तत्काल सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर टेस्ट का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में रोजाना 50 लोगों का सैंपल लेकर जांच किया जा रहा है। ट्रायल ठीक रहा तो शीघ्र ही आम जनता के लिए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अबतक जो व्यवस्था है उसमें रोजाना 800 सैंपल लेकर आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए एसकेएमसीएच भेजा जाता था। वर्तमान में 750 सैंपल ही एसकेएमसीएच भेजा जा रहा है। 50 सैंपल का जांच सदर अस्पताल स्थित आरटीपीसीआर सेंटर पर किया जा रहा है। सीएस डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि, जिले में आरटीपीआर टेस्ट की व्यवस्था होने से लोगों को काफी राहत मिलेगी। रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं करना होगा। सीएस ने बताया कि, शीघ्र ही इसका विधिवत उदघाटन किया जाएगा। बताया कि, आरटीपीसीआर टेस्ट की व्यवस्था शुरू हो तो अनवरत चलती रहे। इसी सोच के तहत पहले ट्रायल कराया जा रहा है।


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सदर अस्पताल में बनेगा पीकू वार्ड
कोरोनाकाल में सरोजा सीताराम सदर अस्पताल शिवहर की तस्वीर में काफी बदलाव आया है। जिले की स्थापना के 28 साल के सफर में जो काम नहीं हो पाया था वह पिछले एक साल में हुआ है। डीएम और सीएस की मजबूत पहल पर सदर अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ओटी, एनआरसी, डायलिसिस सेवा, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे सेवा, आक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर सेवा, कंसेंट्रेडेड आक्सीजन बेड जैसी सुविधाएं बहाल हुई हैं। मरीजों को इलाज का लाभ मिल रहा है। ओपीडी में औसतन 200 मरीज की उपस्थिति का आंकड़ा बढ़कर 600 के पार कर गया है। अब बच्चों के इलाज के लिए पीकू वार्ड बनाने पर काम चल रहा है। सीएस द्वारा सरकार को पीकू वार्ड यानि, पेडियाट्रिक्स इनसेंटिव केयर यूनिट की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अब सदर अस्पताल में स्थान की कमी है। ऐसे में सीएस ने सरकार से सदर अस्पताल के उपरी मंजिल पर भवन निर्माण की स्वीकृति और फंड की डिमांड की है। शिवहर सदर अस्पताल में लिफ्ट की सुविधा है। लिहाजा अस्पताल के उपरी मंजिल पर पीकू वार्ड की स्थापना हो सकती है। सीएस ने कहा कि, पीकू वार्ड की स्थापना के साथ ही शिवहर स्वास्थ्य विभाग जिलास्तरीय सुविधाओं से पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती कराई जाएगी।

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