नए तेवर: राज ठाकरे दिसंबर में जाएंगे अयोध्या, हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने की तैयारी

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मराठी मानुष की राजनीति करने वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे धीरे-धीरे हिंदुत्व के मुद्दे पर लौट रहे हैं। दीपावली के बाद आगामी दिसंबर महीने में उनका अयोध्या दौरा प्रस्तावित है जिसमें वे हिंदुत्व के एजेंडे को धार देंगे। माना जा रहा है कि राज ठाकरे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव से पहले एक बार फिर नए तेवर में नजर आ सकते हैं। दो साल पहले अपनी पार्टी का झंडा बदलने के बाद राज ठाकरे हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे सामने रख रहे हैं। इसलिए उनका अयोध्या दौरा इसी बदलते रुख का संकेत माना जा रहा है। सोमवार को साध्वी गुरुमां कंचन गिरी और जगद्गुरु सूर्याचार्य महाराज ने मनसे अध्यक्ष के दादर स्थित आवास कृष्णकुंज में मुलाकात की। उनके बीच हिंदूराष्ट्र के संकल्प को लेकर चर्चा हुई। इससे पहले साध्वी कंचनगिरी और सूर्याचार्य महाराज ने शिवाजी पार्क में दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। मनसे में राज ठाकरे के बाद नंबर दो के नेता समझे जाने वाले बाला नांदगांवकर ने कहा कि संतों को हिंदू राष्ट्र के संकल्प को पूरा करने के लिए राज ठाकरे से अपेक्षाएं हैं। कुछ दिनों पहले राज ठाकरे अयोध्या जाने वाले थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की वजह से वह दौरा रद्द कर दिया गया। अब दिसंबर महीने तक राज ठाकरे अयोध्या दौरा हो सकता है। इसके बाद मनसे का यह एजेंडा शिवसेना को परेशान कर सकता है। यूपी-बिहार के लोगों के प्रति राज ठाकरे के मन में द्वेष नहीं: साध्वी कंचन गिरी साध्वी कंचन गिरी ने कहा कि राज ठाकरे को हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे से हिंदुत्व के अलावा उत्तर भारतीय मुद्दे पर भी चर्चा हुई। उत्तर भारतीयों के प्रति उनके व्यवहार को लेकर मेरे मन में जो बाते थी, उसका जिक्र किया। साध्वी ने कहा कि बातचीत से मुझे लगा कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के प्रति राज ठाकरे के मन में कोई द्वेष नहीं है। साध्वी कंचन गिरी ने उन्हें सलाह दी कि अगर हिंदुत्व की विचारधारा पसंद है तो राज ठाकरे को भाजपा के साथ आना चाहिए। साथ ही, यह भी भरोसा दिया कि जब वे अयोध्या आएंगे तो संत समाज उनका स्वागत करेगा। राज ठाकरे के रक्त में है हिंदुत्व -बाला नांदगांवकर मनसे नेता बाला नांदगावकर ने बताया कि अयोध्या के अलग-अलग अखाड़ों से कई लोग राज ठाकरे को बुला रहे हैं। दादा-परदादा के जमाने से ही हिंदुत्व उनके रक्त में हैं। राज ठाकरे प्रखर हिंदुत्व के लिए प्रभावी तरीके से काम कर सकते हैं। देश की यह भावना है कि राज ठाकरे आक्रामकता के साथ हिंदुत्व के काम को आगे बढ़ाएं। उत्तरभारतीयों को लेकर उनके मन में कोई दुर्भावना नहीं थी और ना ही अब है। यह मीडिया का पैदा किया हुआ है। तब उनके मन में बस राज्य के विकास की भावना ही थी। नांदगांवकर ने कहा कि 23 अक्टूबर को भांडूप में मनेस की रैली है जिसमें सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा। DailyhuntDisclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Dailyhunt. Publisher: Amar Ujala

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