सीमावर्ती क्षेत्र में दोहरी नागरिकता देश के लिए खतरा

फोटो नंबर 18 एआरआर 08

--जोगबनी में भी बने है विदेशी नागरिकों का वोटर कार्ड ,वर्षो से मतदाता होने के मिले प्रमाण ।
--विराटनगर के ताजुक इस्लाम नमूना आधारभूत विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने अपने पूर्व सहकर्मी के
अशोक झा, संसू, जोगबनी (अररिया): भारत के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों के द्वारा प्रशासनिक कार्रवाई के अभाव में दो देश के नागरिकता ले कर समय समय पर गैर कानूनी कार्य को अंजाम देते रहे है। ताजा मामले में जोगबनी सीमा से सटे विराटनगर के वार्ड संख्या 13 स्थित मदरसा ताजुक इस्लाम नमूना आधारभूत विद्यालय के पूर्व प्रधानध्यापक रहे जोगबनी व ़फारबिसगंज निवासी मो.जावेद के नेपाल व भारत दोनो देश के दोहरी नागरिकता व कई विवादित कार्यो में शामिल होने पर खुद मदरसा के व्यवस्थापन समिति व वर्तमान प्रधानाध्यापक के द्वारा विराटनगर महानगरपालिका कार्रवाई के लिए अदालत का सहारा लिया गया है। मामले को तूल पकड़ता देख व उच्च न्यायालय के द्वारा कार्रवाई के आदेश के बाद आरोपित नेपाल से फरार बताए जा रहे हैं।
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जबकि इस दौरान इन्होंने सीमा के इसपार व उसपार नेपाल भारत में अकूत सम्पति अर्जित कर ली वही जोगबनी सीमा से लगे नेपाल भाग के इस्लामपुर में 4 कट्ठा जमीन भी खरीद किया है ।जबकि स्थायी रूप से जोगबनी के सीमावर्ती क्षेत्र के नेपाल भाग के इस्लामपुर में रह रहे मोहम्मद जावेद अभी नेपाल से फरार बताए जा रहे है ।
16 वर्ष पूर्व बनाया था नागरिकता ।--
मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद जावेद के द्वारा नेपाली नागरिकता में उल्लेख किये गए विवरण के अनुसार 17 वर्ष के उम्र में विक्रम संवत 2062 चैत्र मास के 28 (18 अगस्त 2015) तारीख को वंशज का नागरिकता लिया था जिसमे
इनका नेपाली नागरिकता नं.78671 है लेकिन इस दौरान इन्होंने भारत का भी पहचान पत्र बनवा लिया। जिसमे जारी किये गए मतदाता परिचय पत्र नं. 716 है।वही निर्वाचन आयोग के मतदाता हेल्पलाइन में उल्लेखित विवरण के अनुसार मोहम्मद जावेद का अररिया जिले अंतर्गत फारबिसगंज के निर्वाचन संख्या 48 अंतर्गत जोगबनी के मतदान केंद्र महमुदिया मदरसा के भाग संख्या 8 के मतदाता है जबकि मतदाता सूची में इसका क्रमांक संख्या 716 है ।
मामले का ऐसे हुआ उछ्वेदन ।--
बिराटनगर के वार्ड संख्या 13 में रहे ताजुक इस्लाम नमुना आधारभूत विद्यालय में दोनो समुदाय के अध्यापक है तो इसमे समावेशी रूप से पठन पाठन भी होता रहा है जिसमे सीमा से सटे इस्लामपुर निवासी मोहम्मद जावेद को 10 अप्रैल 2006 को इस्लाम धर्म के विषय पढ़ाने के लिए नियुक्त किया था जिसके कुछ दिनों के बाद व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष हैदर अली के द्वारा ताजुक इस्लाम नमुना विद्यालय का प्रधानाध्यापक नियुक्त किया था लेकिन विवादित छवि के माने जाने वाले जावेद का दोनों देश का नागरिकता व कई विवादित कार्य में संलग्न होने की जानकारी मिलने के बाद इन्हें निष्काषित करने की बात मदरसा के वर्तमान प्र.अ.मोलाना समसुल हक ने कही है ।
मदरसा से अवैध कार्य की जानकारी पर कार्रवाई के लिए अदालत का लिया सहारा ।--
नेपाल व भारत दोनों देश के नागरिकता प्राप्त मोहम्मद जावेद के काले कारनामे की भनक जब वर्तमान प्रधानाध्यापक विराटनगर 17 निवासी मोहम्मद समसुल हक मिया को लगी तो इन्होंने कानूनी कार्रवाई के लिए न्यायालय का सहारा लिया है जिसके बाद विराटनगर के उच्च न्यायालय विराटनगर के मुख्य न्यायाधीश तिलप्रसाद श्रेष्ठ व न्यायाधीश रेणुका शाह के संयुक्त बेंच ने मोरंग पुलिस को आदेश दिया है कि उक्त मामले में मामला दर्ज कर कानून अनुसार अनुसंधान कर विपक्ष को कानून के दायरे में लाया जाए । कई लोगों के फर्जी हस्ताक्षर कर निकाल लिए लाखों रुपये
कक्षा आठ तक पढ़ाई होने वाले इस मदरसा में 12 अध्यापक व कुल 135 विद्यार्थी अध्यनरत है जिसके अनुदान के लिए आये 5 लाख रुपये भी मो. जावेद के द्वारा विद्यालय व्यवस्थापनसमिति के अध्यक्ष के साथ मिलकर फर्जी हस्ताक्षर कर निकालने का आरोप मदरसा के वर्तमान प्रधानाध्यापक मौलाना समसुल हक के द्वारा जानकारी दी गयी है मामला जो भी हो लेकिन जिस तरह से मदरसा के वर्तमान प्रधानाध्यापक ने दोहरी नागरिकता सहित अन्य आरोप लगाया है व कार्यवाही के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है वह कही न कही जोगबनी के सीमावर्ती क्षेत्रों में देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों की उपस्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता ।इतना ही नहीं अगर सही दिशा में जांच हो तो सीमा क्षेत्र के कई चहरे बेनकाब हो सकता है।
राशन दुकानों से भी मिल सकती है जानकारी--
दोहरी नागरिकता की जांच प्रशासन सही दिशा में करे तो जनवितरण दुकानों से भी कई लोगों की जानकारी मिल सकती हैं।

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