आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिए स्मार्टफोन में नहीं चलता गूगल

अभिषेक सिंह, गाजियाबाद: आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिए गए स्मार्टफोन में गूगल नही चलता है। इससे 28 सितंबर को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के चेहरे पर स्मार्टफोन लेते वक्त आई मुस्कान अब गायब है। दरअसल, अनुपूरक पोषाहार के वितरण में अनाज की खपत का सही आंकलन करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पोषण ट्रैकर एप का इस्तेमाल करने के आदेश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने 9,444 रुपये की दर से 116.48 करोड़ रुपये में 1,23,398 सैमसंग कंपनी के स्मार्टफोन खरीदे हैं। इनमें से कुछ स्मार्टफोन 28 सितंबर को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिए गए हैं। इस स्मार्टफोन में सिर्फ पोषण ट्रैकर एप चलता है। सर्च इंजन गूगल के अलावा वाट्सएप, फेसबुक सहित अन्य एप मोबाइल में डाउनलोड नहीं किए जा सकते। एप को डाउनलोड करने के लिए स्मार्टफोन में प्ले स्टोर भी नहीं है।

प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश कुमार पांडे का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन सिर्फ पोषण ट्रैकर एप चलाने के लिए दिया गया है। अन्य एप न चलें, इसके लिए स्मार्टफोन के ज्यादातर फीचर लाक हैं। सरकार ने सभी फीचर इसलिए लाक करवाएं है, ताकि सरकारी कार्य के लिए दिए मोबाइल का इस्तेमाल मनोरंजन सहित अन्य निजी कार्य में नहीं किया जा सके। स्मार्टफोन मिलने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने शिकायत की है। इस संबंध में विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है। रखने होंगे दो-दो स्मार्टफोन: अब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की परेशानी बढ़ गई है। उनका कहना है कि महज एक एप चलाने के लिए सरकार ने स्मार्टफोन दिया है, जबकि जिन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पास पहले से स्मार्टफोन हैं, उनके स्मार्टफोन में पोषण ट्रैकर एप चल रहा था। अब इन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दो स्मार्टफोन लेकर चलना होगा। एक निजी और दूसरा सरकार द्वारा दिया गया स्मार्टफोन। जिनके पास अब तक स्मार्टफोन नहीं था, वो आंगनबाड़ी कार्यकत्री निजी इस्तेमाल में इस स्मार्टफोन को नहीं ला सकेंगी। विभाग को कोई जानकारी अगर ईमेल या वाट्सएप पर देनी होगी तो वह नहीं दे सकेंगी। जिले में दिए गए में 1,344 स्मार्टफोन: जिले में 1,373 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। 1,188 आंगनबाड़ी कार्यकत्री कार्यरत हैं। प्रदेश सरकार ने 1,344 स्मार्टफोन जिले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए भेजे हैं। इनमें से 63 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 28 सितंबर को कलक्ट्रेट में स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने स्मार्टफोन दिए थे।
बयान
पोषण ट्रैकर एप के इस्तेमाल के लिए सरकार ने स्मार्टफोन दिए हैं, लेकिन उसमें गूगल, फेसबुक, वाटसएप, यूट्यूब, जीमेल का इस्तेमाल नही किया जा सकता है। स्मार्टफोन में किसी का मोबाइल नंबर भी सेव नहीं किया जा सकता है, न ही काल की जा सकती है।
- सुनील कुमार पाल, जिला संरक्षक, महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, उत्तर प्रदेश।
स्मार्टफोन में वाट्सएप नहीं चलता है। ज्यादातर मैसेज वाट्सएप के जरिए ही चलते हैं। हम अपने मोबाइल का सिम अगर सरकार द्वारा दिए गए स्मार्टफोन में लगा देंगे तो परेशानी होगी, इसलिए अब दो स्मार्टफोन रखने पड़ रहे हैं।
- ऊषा राय, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेवानगर। सरकार ने स्मार्टफोन तो दिए हैं, लेकिन उसमें सिर्फ पोषण ट्रैकर एप चलता है। ऐसे में न तो कोई संदेश वाट्सएप के जरिए विभाग को भेज सकते हैं न ही संदेश प्राप्त कर सकते हैं। स्मार्टफोन में अन्य फीचर भी चालू होने चाहिए।
- गुड्डी देवी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मोदीनगर।
ऐसे स्मार्टफोन का क्या करें। इसमें तो किसी का मोबाइल नंबर भी सेव नहीं होता है। स्मार्टफोन में कोई एप भी डाउनलोड नहीं हो रहा है। पोषण ट्रैकर एप भी सही से नहीं चल रहा। ऐसे में स्मार्टफोन डिब्बा बनकर रह गया है। हमको अपना स्मार्टफोन इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
- रिमझिम, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, गरिमा गार्डन।

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