फेक वेबसाइट खाली कर देगी आपका बैंक अकाउंट! बचने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो

आज के दौर में ज्यादातर लोग बैंक से जुड़े कामकाज के लिए इंटरनेट और स्मार्टफोन की मदद लेते हैं. ऐसे में साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं. और साइबर क्राइम के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है. इनमें से एक तरीका फिशिंग का है. आइए जानते हैं कि स्पूफिंग (spoofing) क्या है और इससे बचने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

स्पूफिंग (spoofing) क्या है?
वेबसाइट स्पूफिंग में एक वेबसाइट बनाई जाती है. जो कि नकली होती है. इसका मसद व्यक्ति के साथ फ्रॉड करना होता है. फर्जी वेबसाइट असली की तरह दिखाने के लिए, साइबर अपराधी सही वेबसाइट के नाम, लोगो, ग्राफिक्स और कोड का भी इस्तेमाल कर लेते हैं. वे आपकी ब्राउजर विंडो के टॉप पर एड्रेस फील्ड में दिखने वाले यूआरएल को भी कॉपी कर सकते हैं. इसके साथ सबसे दायीं तरफ दिए गए पैडलॉक आइकन को भी वे कॉपी कर लेते हैं.
साइबर अपराधी कैसे ये काम करते हैं?
अपराधी फज्ञजी वेबसाइट पर ईमेल भेजते हैं, जिसमें आपसे अकाउंट से संबंधित जानकारी को अपडेट या कन्फर्म करने के लिए कहा जाता है. ऐसा अकाउंट से जुड़ी संवेदनशील जानकारी को हासिल करने के इरादे से किया जाता है. इन डिटेल्स में आपकी इंटरनेट बैंकिंग यूजर आईडी, पासवर्ड, पिन, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर, कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (सीवीवी) नंबर शामिल हैं.
स्पूफिंग से बचने के लिए सेफ्टी टिप्स
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