हरियाणा सरकार अपने हर अफसर को बांटेगी स्पेशल स्मार्टवॉच, सीएम खट्टर के इस फैसले के पीछे है बहुत बड़ा मकसद

चंडीगढ़, 24 अक्टूबर: हरियाणा की मनोहर खट्टर सरकार ने अपने सभी सरकारी बाबुओं को स्पेशल स्मॉर्टवॉच देने का फैसला किया है। एक ठीक-ठाक स्मार्टवॉच की कीमत 7 से 8 हजार रुपये से कम नहीं है। लेकिन, फिर भी खट्टर सरकार ने सरकारी खजाने पर इतना बोझ डालने का निर्णय किया है तो इसके पीछे कई दिनों से हो रही निगरानी है। ये स्मार्टवॉच काफी खास तरीके के होंगे और यह उन्हीं को पहचानेंगे, जिन्हें वह सौंपी जाएगी। मतलब, दूसरों के इस्तेमाल करने पर यह काम ही करना बंद कर देगी। दरअसल, इस एक फैसले से हरियाणा सरकार कई खामियों को साधना चाहती है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य सरकार के अधिकारियों को लेकर शनिवार को सोहना के सरमथला गांव की विकास रैली में बहुत बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हरियाणा सरकार के अधिकारियों को खास तरह की स्मार्टवॉच पहननी होगी, जिससे ऑफिस आवर में उनके मूवमेंट को ट्रैक किया जा सके, साथ ही साथ इससे उनकी एटेंडेंस भी दर्ज की जा सकेगी। खट्टर ने कहा, 'राज्य के सभी सरकारी अधिकारी स्मार्टवॉच पहनेंगे जो दफ्तर के दौरान उनकी आवाजाही पर नजर रखने के साथ-साथ उनकी अटेंडेंस को मार्क करने के लिए भी एक उपकरण के रूप में काम करेंगे।'
कोविड की वजह से बायोमेट्रिक-सिस्टम का इस्तेमाल बंद है
मुख्यमंत्री के मुताबिक सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति दर्ज करने वाली पुरानी बायोमेट्रिक सिस्टम को कोविड-19 महामारी के चलते अभी भी शुरू नहीं किया जा सकता है। लेकिन, जीपीएस-आधारित स्मार्टवॉच से जल्दी ही उनकी अटेंडेंस ट्रैक की जा सकेगी। सीएम खट्टर ने बताया कि पहले कैसे सरकारी अफसर हफ्ते में एक बार ऑफिस जाते थे और सभी दिनों का अटेंडेंस बनाकर चले आते थे। इसी के चलते बायोमेट्रिक-व्यवस्था शुरू की गई, ताकि उनकी शारीरिक उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। लेकिन, कोविड की वजह से बायोमेट्रिक-सिस्टम की इस्तेमाल अभी संभव नहीं है, जिससे कि वायरस फैलने का जोखिम रहता है।
स्मार्टवॉच देने के फैसले के पीछे ये है असल मकसद
मुख्यमंत्री ने सरकारी अधिकारियों को स्मार्टवॉच देने की वजह का खुलासा करते हुए बताया कि इससे पुरानी रोस्टर सिस्टम वाली कमियां दूर होंगी और अटेंडेंस से छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी। वह बोले, 'हम ऐसे स्मार्टवॉच लाएंगे, जो सिर्फ उन्हीं अफसरों को ट्रैक करेंगी, जिनको वह दी गई हैं। अगर इस घड़ी को कोई दूसरा पहन लेगा तो यह काम करना बंद कर देगी। इस तरह से हरियाणा के सभी सरकारी अफसरों की मूवेमेंट ट्रैक की जा सकेगी। ' उन्होंने कहा कि स्मार्टवॉच कर्मचारियों की रीयल-टाइम लोकेशन सेंट्रल कंट्रोल रूम को भेजेगी और इस तरह से उनकी अटेंडेंस मार्क होगी।
आतंकी गुरपतवंत सिंह ने जारी किया भारत का नया नक्शा, यूपी, हरियाणा, राजस्थान को किया खालिस्तान में शामिल
अभी कहां है स्मार्टवॉच देने की व्यवस्था
इस समय पंचकूला नगर निगम और चंडीगढ़ प्रशासन ने अटेंडेंस के लिए स्मार्टवॉच सिस्टम अपना रखा है। हालांकि, कुछ कर्मचारियों की ओर से इसकी आलोचना भी की गई है, इस दावे के साथ कि इससे उनकी प्राइवेसी भंग होती है। 2018 में सबसे पहले नागपुर नगर निगम ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जीपीएस-आधारित स्मार्टवॉच व्यवस्था की शुरुआत की थी। इस तरह की स्मार्टवॉच की कीमतें 7,000 से 8,000 रुपये के बीच पड़ती है और इसके लिए हरियाणा सरकार को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।
source: oneindia.com

अन्य समाचार