आर्यन ख़ान को ज़मानत, नवाब मलिक बोले- पिक्चर अभी बाकी है दोस्त

अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को क्रूज़ पर कथित रेव पार्टी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है जिसके बाद उनकी रिहाई तय हो गई है.

इस मामले में आर्यन ख़ान के अलावा अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को भी कोर्ट ने ज़मानत दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में आदेश शुक्रवार को पढ़ा जाएगा.
आर्यन ख़ान को ज़मानत मिलने के बाद सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा गर्म है. कई लोग इसके लिए आर्यन ख़ान और शाहरुख़ ख़ान को बधाई दे रहे हैं, जबकि कईयों का कहना है कि इस मामले में न्याय होना चाहिए.
एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट किया, "पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त."
इस मामले में नवाब मलिक ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई डिवीज़न के डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर लगातार हमला बोला हुआ था. वानखेड़े ने ही आर्यन ख़ान को हिरासत में लिया था.
नवाब मलिक ने बीते दिनों कई वीडियो ट्वीट कर समीर वानखेड़े पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि कि ड्रग्स मामले में 11 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था लेकिन 3 लोगों को इसलिए छोड़ दिया गया क्योंकि उनमें से एक शख़्स बीजेपी के वरिष्ठ नेता का रिश्तेदार था. वो एनसीबी पर जानबूझकर बॉलीवुड और महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाते रहे हैं.
वहीं गायक मीका सिंह ने ट्विटर पर लिखा, "मैं बहुत खुश हूं कि आर्यन ख़ान को ज़मानत मिल गई है. भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है."
सोनू सूद ने ट्वीट किया, "समय जब न्याय करता है, तब गवाहों की जरूरत नहीं होती." हालांकि उनके इस ट्वीट का मतलब क्या है इसे लेकर भी सोशल मीडिया पर चर्चा गर्म है.
अभिनेता माधवन ने कहा, "शुक्र है ईश्वर का. एक पिता के तौर पर आज मुझे राहत मिली है."
अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल ने ट्वीट कर लिखा है- "कुछ नहीं कहना. बस आँसू बह रहे हैं, इस राहत पर...और इस क्रूर कलह पर."
वहीं वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने लिखा, "इस तरह के मामलों में जेल नहीं बल्कि ज़मानत ही मंत्र होना चाहिए. आर्यन ख़ान को ज़मानत मिल गई, उन हज़ारों लोगों के बारे में सोचिए जो सालों से जेलों में सड़ रहे हैं."
वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी ने इसे आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग कहा है.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, "जांच में आरोप ही नहीं है कि उनके पास से कुछ ड्रग्स मिला तो फिर उन्हें गिरफ्तार किया जाना अवैध है. जब पता चल गया कि उनके पास कोई ड्रग्स ही नहीं मिले तो फिर कम मात्रा या अधिक मात्रा का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता."
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा, "खुशी है कि हाई कोर्ट ने आर्यन ख़ान की ज़मानत मंज़ूर कर ली है. ज़मानत देने से इनकार करने को सही नहीं ठहराया जा सकता. ये स्पष्ट है कि नारकोटिक्स ब्यूरो दुर्भावनापूर्ण कारणों से उन्हें परेशान कर रहा था. उसकी ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए. खुशी है कि वानखेड़े के साथ साठगांठ करने वाले गोसावी को हिरासत में ले लिया गया है."
क्या है पूरा मामला?
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने आर्यन ख़ान को तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. बीते तीन सप्ताह से वो जेल में बंद थे.
इससे पहले आर्यन ख़ान की ज़मानत याचिका दो बार ख़ारिज की जा चुकी थी.
20 अक्टूबर ज़मानत की याचिका को ठुकराते हुए अदालत ने यह तो माना था कि आर्यन ख़ान के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुए लेकिन साथ ही कहा कि चूँकि आर्यन ख़ान को इस बात कि जानकारी थी कि उनके दोस्त अरबाज़ मर्चेंट के पास प्रतिबंधित पदार्थ थे और चूंकि वो दोनों साथ थे इसलिए इसे 'कॉन्शस पज़ेशन' (अपनी जानकारी में ड्रग्स रखना) माना जाएगा.
अरबाज़ मर्चेंट से छह ग्राम चरस की बरामदगी हुई थी.
इस मामले में एनसीबी ने आर्यन ख़ान, अरबाज़ मर्चेंट और मॉडल मुनमुन धमेचा सहित आठ लोगों को क्रूज़ से गिरफ़्तार किया था. इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
आर्यन ख़ान और अन्य अभियुक्तों पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8 (सी) के साथ 20 बी (खरीद),27 (खपत),28 (अपराध करने का प्रयास),29 (उकसाना और साज़िश) और 35 (दोषपूर्ण मानसिक स्थिति का अनुमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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source: bbc.com/hindi

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