आंध्र प्रदेश सरकार का 'राइट टू इंटरनेट' प्लान, प्रदेश की 12,979 पंचायतों में बनेंगी डिजिटल लाइब्रेरी

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को गांवों और डिजिटल लाइब्रेरी के लिए इंटरनेट प्रदान करने की प्रगति पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. गौरतलब है कि मार्च 2020 में भारत में कोरोना महामारी ने दस्तक दी तो लाखों कर्मचारियों ने घर से काम करना शुरू कर दिया, जिसके चलते इंटरनेट के इस्तेमाल में जबरदस्त उछाल आया. ऐसे में आंध्र प्रदेश सरकार अपने नागरिकों को बिना किसी परेशानी के बेहतरीन इंटरनेट की आपूर्ति करने की दिशा में काम कर रही है. गांवों को इंटरनेट और डिजिटल लाइब्रेरी के साथ सक्षम करने से नागरिकों को 'वर्क फ्रॉम होम' मॉडल में बदलाव करने में मदद मिलेगी, और छात्रों को उनके ऑनलाइन कोर्स वर्क में भाग लेने में मदद मिलेगी.प्रदेश की 12,979 पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को प्रदेश की 12,979 पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी के निर्माण की प्रगति की जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण चरणबद्ध तरीके से हो रहा है, वर्तमान में, 4,530 डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण चल रहा है, और प्रत्येक पुस्तकालय की देखभाल करने के लिए सही योग्यता वाला एक कर्मचारी मौजूद रहेगा, जिससे 4,530 नागरिकों के लिए रोजगार भी पैदा होगा. सीएम का आदेश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि डिजिटल लाइब्रेरी निर्बाध बैंडविड्थ से लैस हों, और उक्त पुस्तकालयों में इंटरनेट की स्पीड के लेटेस्ट वर्जन का इस्तेमाल किया जाए. अधिकारियों को अनंतपुर, चित्तूर, विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी जिलों में डिजिटल लाइब्रेरी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया गया.अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि जनवरी की शुरुआत तक डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण पूरा हो जाएगा, मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह जरूरी है कि हर डिजिटल लाइब्रेरी में डेस्कटॉप कंप्यूटर, सिस्टम चेयर, नियमित कुर्सियां, पंखे, ट्यूबलाइट, बुक रैक और किताब इत्यादि हों.

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