डीएम का आदेश बेअसर, अब भी शहर में संचालित हैं अवैध बूचड़खाने



मोतिहारी । जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के निर्देश के बावजूद नगर परिषद प्रशासन शहर में अवैध रूप से संचालित होनेवाले बूचड़खाना को बंद नहीं करा सकी है। अब भी बेरोकटोक शहर में अवैध बूचड़खाने संचालित हैं। बता दें कि डीएम ने शहर के बीचोबीच वार्ड संख्या- 14 के खोदानगर मोहल्ले में अवैध रूप से बूचड़खाना संचालित होने की सूचना को गंभीरता से लिया था। उन्होंने इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार को स्थानीय पुलिस प्रशासन के सहयोग से इसे बंद करने का निर्देश दिया। डीएम से निर्देश मिलने के बाद नगर परिषद प्रशासन हरकत में तो आई। नप के ईओ ने स्थल जांच के बाद चिन्हित दर्जनभर बूचड़खाना संचालकों को नोटिस जारी कर दिया है। बाद में नगर परिषद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। बताया गया है कि खोदानगर मोहल्ला में स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से दर्जनों अवैध बूचड़खाना संचालित हो रहा है। यहां से बड़े पशुओं की मांस की तस्करी रात के अंधेरे में ट्रकों से किया जाता है। वहीं पशुओं का वध करने के बाद उसका खून नालियों में बहाया जाता है, इसके कारण यहां के वाशिदे परेशान हैं। गर्मी के दिनों में तो उसकी दुर्गंध आसपास फैल जाती है। इससे लोगों को परेशानी होती है। इधर, सामाजिक कार्यकर्ता सह चंपारण स्वच्छता अभियान के अध्यक्ष नासिर खान ने बताया कि वे बूचड़खाना के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे थे। बूचड़खाना बंद कराने के आश्वासन पर आमरण अनशन स्थगित किया गया था। लेकिन अब तक निगम प्रशासन द्वारा अवैध बूचड़खाना रोक नहीं लगाई गई है। कसाईखाना का खून पानी एवं गंदगी खोदानगर के समस्त नाले के माध्यम से शहर की ह्रदय मोतीझील को दूषित कर रहा है। इसे बंद करने की आवाज उठाने के कारण कसाईखाना के संचालकों द्वारा रंगदारी की मांग की और जान मारने की धमकी दी थी। इसको लेकर नगर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज है। लेकिन पुलिस ने उन्हें अभी तक गिरफ्तार भी नहीं की है। में दर्ज अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

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