बदल रहा मौसम का मिजाज, सावधान रहने की है जरूरत

संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा) : लगातार मौसम में हो रहे उतार चढ़ाव और धीरे-धीरे ठंड बढ़ने से असर दिखाने लगा है। खासकर सुबह और शाम में कुहासा से तापमान में भारी गिरावट और ठंड में बढ़ोतरी होने लगी है। ऐसे में स्वास्थ्य को लेकर हर किसी को विशेष सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। ताकि ठंड जनित बीमारी की अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। मौसम का मिजाज नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही बदलने से फसल चक्र पर भी प्रभाव पड़ना लाजिमी है। इस बदलते मौसम में खासकर बुजुर्गों व बच्चों को काफी सर्तक रहने की जरूरत है। प्रकृति के जानकारों का कहना है कि इस बदलते मौसम में ही प्राय: कई बिमारियों के बढ़ जाने की आशंकाओं में वृद्धि हो जाया करती है। बढ़ते ठंड के साथ ही बच्चों में मियादी बुखार का खतरा भी बढ़ने लगा है। क्या है मियादी बुखार के लक्षण : लगातार तेज बुखार आना, कमजोरी महसूस होना, पेट या सिर में दर्द, भूख नहीं लगना या कम लगना, त्वचा पर चकते या गुलाबी धब्बे के निशान जैसे मियादी बुखार के लक्षण है। टाइफाइड या मियादी बुखार काफी दिनों से एक जगह जमे दूषित जल और उसमें पनपे साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु से फैलता है। मियादी बुखार का क्या है बचाव : मियादी बुखार के संक्रमण से बचने के लिए अपने आस-पास की साफ-सफाई का खास ख्याल रखनी चाहिए। अपने आसपास के क्षेत्रों में दूषित जल का जमाव कदापि न होने दें। खाने-पीने का सामान हमेशा ढक कर रखें। बिना ढका एवं दूषित भोजन से परहेज करनी चाहिए। संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों पर खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। हरी सब्जी व ताजा भोजन का करें इस्तेमाल :

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शरीर को निरोग एवं स्वस्थ रखने के लिए आहार की गुणवत्ता का सबसे ज्यादा योगदान है। अपने भोजन में हरी सब्जियां, मौसमी फल, दूध एवं दूध से बने डेयरी प्राडक्ट, अंडा, मांस,मछली, अंकुरित अनाज शामिल करने की आवश्यकता है। मियादी बुखार में शरीर में पानी की मात्रा में कमी हो जाती है जो जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए पर्याप्त स्वच्छ जल एवं दूसरे प्राकृतिक पेय पदार्थो नारियल पानी, नींबू पानी के सेवन के अलावे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-सी युक्त खट्टे फल नींबू, संतरा आदि का सेवन करनी चाहिए। मियादी बुखार सभी उम्र में हो सकता है। लेकिन छोटे बच्चों एवं उम्रदराज लोगों के लिए काफी हानिकारक साबित होता हैं। ऐसे में रोग के लक्षणों के प्रति जागरूक रहकर स-समय उपचार कर इस परेशानी से बचा जा सकता है। कोरोना वायरस की तरह मियादी बुखार भी एक संक्रामक रोग है। जो गंदे खाने-पीने की वस्तुओं के उपयोग से पनपता है।
डा. विनय कृष्ण प्रसाद
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
पुरैनी

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