जमुई के 22 सौ मत्स्य पालकों को मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड

संवाद सहयोगी, जमुई । अब नीली क्रांति को गति देने के लिए मत्स्य पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। इसे धरातल पर उतारने को लेकर विभाग की तत्परता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निदेशक ने राज्य के सभी 38 जिलों के लिए अलग-अलग लक्ष्य का निर्धारण कर दिया है। लक्ष्य के मुताबिक जमुई में 2200 मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाना है। किसानों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए आवेदन सृजन कर बैंक प्रबंधक को हस्तगत कराने की जवाबदेही जिला मत्स्य पदाधिकारी को दी गई है। मत्स्य निदेशक ने टास्क पूरा करने के लिए हर हफ्ते शुक्रवार को मेगा कैंप लगाने की हिदायत दी है। आवेदन सृजन की मानिटरिग मत्स्य निदेशक धर्मेंद्र सिंह स्वयं कर रहे हैं।

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केसीसी प्राप्त करने की अहर्ता विभाग ने केसीसी का लाभ लेने के लिए जो अहर्ता निर्धारित की है उसमें मत्स्य पालक की निजी या फिर लीज और पट्टा पर लिया गया मत्स्य इकाई का होना आवश्यक है। ऋण की राशि योजना के अनुसार निर्धारित की जाएगी। साथ ही तीन लाख रुपये तक ऋण के लिए कोई प्रोसेसिग शुल्क नहीं लिए जाएंगे। योजना अंतर्गत प्रगतिशील मत्स्य पालकों को सात फीसद ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा लेकिन सही समय पर राशि वापस करने पर भारत सरकार की ओर से ब्याज में तीन प्रतिशत अतिरिक्त छूट का भी लाभ मिलेगा। अर्थात चार फीसद ब्याज ही मत्स्य पालकों को भुगतान करना होगा।
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मछली पालन के लिए डेढ़ लाख प्रति हेक्टेयर
सामान्य विधि से मत्स्य पालन के लिए डेढ़ लाख रुपया प्रति हेक्टेयर केसीसी स्वीकृत किए जाने का प्राविधान किया गया है। जबकि पंगेशियस मछली पालन करने वाले किसानों को पांच लाख प्रति हेक्टेयर ऋण स्वीकृत किए जाएंगे। मत्स्य बीज उत्पादन के लिए 2.80 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तथा हैचरी के लिए ढाई लाख रुपए प्रति इकाई किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत कर्ज दिए जाएंगे।
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आवेदन की प्रक्रिया
जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया ने बताया कि केसीसी योजना अंतर्गत लाभ के लिए विहित प्रपत्र में आवेदन किसानों को जिला मत्स्य कार्यालय में दो प्रति में जमा कराने होंगे। आवेदन के साथ मछली पालन, बीज उत्पादन, हैचरी आदि के स्वामित्व से संबंधित एलपीसी, निबंधित लीज व पट्टा के साथ फोटोग्राफ एवं आधार कार्ड की छाया प्रति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालक इस योजना का लाभ प्राप्त कर मत्स्य उत्पादन बढ़ाकर अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकते हैं।

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