रिपोर्ट के चक्कर में 200 मुकदमा पेंडिग

संवाद सूत्र, मुंगेर : स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की बेहतर तालमेल के अभाव में मुकदमों का निपटारा समय पर नहीं हो रहा है। इंज्यूरी और बीएसटी रिपोर्ट के चलते जिले के कई थानों में दो सौ से ज्यादा केस पेंडिग हैं। रिपोर्ट समय पर नहीं मिलने से मुकदमों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है। घटना के बाद अस्पताल से रिपोर्ट नहीं उपलब्ध होने से मुकदमा फाइलों में उलझ गया है। इस पूरे प्रकरण में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही भी साफ दिख रही है। संबंधित रिपोर्ट पर समय पर चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों के हस्ताक्षर नहीं होने से जांच में विलंब हो रहा है। दरअसल, किसी घटना की जांच अस्पताल की रिपोर्ट पर निर्भर है। जिले के थानों से जारी होने वाली एमएलसी सहित उससे जुड़े दस्तावेज प्राप्त करने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट रहे हैं। लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है, नतीजतन इसका असर थानों में दर्ज मामलों पर पड़ रहा है। --------------------------------------------- आसान नहीं रिपोर्ट मिलना सदर अस्पताल और जिला के विभिन्न प्रखंडों में संचालित अनुमंडल और पीएससी में आने वाले मेडिकल जांच पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेना पुलिस के लिए आसान नहीं है। हर दिन मारपीट, सड़क दुर्घटना, जहरखुरानी, अज्ञात सहित अन्य मामले अस्पताल पहुंचते हैं। पीड़ित के बयान पर मामला तो थानों में दर्ज हो जाता हैं, इसके बाद इन मामलों से जुड़े दस्तावेज जुटाने में पुलिस को महीनों चक्कर लगाना पड़ता है। ----------------------------------- केस स्टडी-एक -कुछ माह पूर्व मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नौवागढ़ी निवासी पुलिस मंडल की पत्नी दाना देवी के साथ पड़ोसी ने मारपीट की थी, इसकी रिपोर्ट अब तक थाना तक नहीं पहुंच सकी है। केस में कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। --------------------------- केस स्टडी-दो -कोतवाली थाना क्षेत्र में एक वर्ष पहले पुलिस ने अज्ञात शव बरामद किया था। पोस्टमार्टम होने के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब तक इसकी रिपोर्ट अस्पताल से थाने तक नहीं पहुंची। --------------------- लंबित मामलों के निष्पादन पर दिया जाता है जोर प्रत्येक माह होने बाली क्राइम मीटिग में एसपी ने सभी थानाध्यक्षों को लंबित मामलों को त्वरित निष्पादन करने का निर्देश दिया जाता है। स्वास्थ विभाग की लचर व्यवस्था के कारण जिले के 29 थानों के लगभग 200 से ज्यादा इंज्यूरी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट सदर अस्पताल सहित अन्य अनुमंडल और पीएचसी में पेंडिग है। रिपोर्ट पेंडिग रहने सीधा असर जांच पर पड रहा है। ------------------ कोट -पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने में समय लगता है। इंज्यूरी और बीएसटी रिपोर्ट देने में विलंब नहीं होना चाहिए। संबंधित को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है। इसके लिए सभी को फिर से निर्देश दिया गया है। -डा. हरेंद्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन मुंगेर।

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