उर्वरक के लिए बाजार का चक्कर लगा रहे किसान

मोतिहारी । अनुमंडल क्षेत्र में किसानों के लिए उर्वरक की समस्या अनबुझ पहेली बनकर रह गई है। यह कहां से और कैसे उत्पन्न हो रही है। इसको लेकर किसान चितित है। फिलहाल गेहूं के बुआई का समय चल रहा है। धान की कटनी समाप्त करने के बाद किसान खेत तैयार कर उर्वरक के लिए आसपास के बाजारों का चक्कर काट रहे है। लेकिन, डीएपी, यूरिया आदि की भारी किल्लत हो गई है। हालांकि कुछ दूकानदार मिलीभगत से उर्वरक बाजार में ला रहे है। लेकिन उनका मनमाना रेट है। जो किसानों पर बोझ बन गया है। करीब तीन माह पूर्व उर्वरक की कालाबाजारी को रोकने के लिए कृषि विभाग काफी सजग हुआ था। तब उचित मूल्य पर किसानों को यूरिया, डीएपी उपलब्ध हुआ था। तब किसान काफी खुश हुए थे। उन्होंने सरकार के कार्यों की सराहना की थी। लेकिन, अभी ना तो उर्वरक मिल रहा है। ना ही विभाग के संबंधित अधिकारी मिल रहे है। कहां गए वो दिन.. किसानों का कहना है कि कुछ खास समय नहीं बिता है। लेकिन वो दिन कहां चले गए..। जब आए दिन अधिकारी खाद दुकानों की जांच करने पहुंचते थे। तब सब कुछ लगभग ठीक हो गया था। लेकिन अचानक कौन सी हवा चली। जिसमें पूरा सिस्टम बिगड़ गया। सरकार किसानों की आय को दोगूनी करने के लिए सुविधाएं मुहैया करा रही है। लेकिन वह सब कुछ समय पर मिले तब तो किसान उसका फायदा उठा सकते है। सार्वजनिक की जाए दुकानदारों को आवंटित खाद की सूची किसान ब्रजेश यादव, मुन्ना कुमार, लालबाबू पटेल, विजय दूबे आदि ने बताया कि स्थानीय अधिकारी प्रखंड क्षेत्र के पंचायतों में खाद दुकानदार को आवंटित खाद की सूची सार्वजनिक करें। फिलहाल जब किसान दुकान पर पहुंच उर्वरक की मांग कर रहे है। तो दुकानदार उर्वरक की उपलब्धता को लेकर इंकार कर जा रहे है।


इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि पीपीएल का रैक पहुंच गया है। रविवार तक इफको का रैक भी पहुंच जाएगा। इसके बाद जिले के सभी दुकानों पर उर्वरक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई दुकानदार डीएपी बारह सौ से अधिक व यूरिया 266 रुपए से अधिक मूल्य पर बेंच रहा है तो इसकी सूचना जिला कृषि पदाधिकारी को अवश्य दें।

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