भगवान ने लीला के माध्यम से सामाजिक मर्यादा की दी शिक्षा

संवाद सहयोगी, ब्रह्मपुर (बक्सर) : भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में प्रवचन करते हुए डा. भारत भूषण जी महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण ने अपनी लीलाओं के द्वारा समाज की मर्यादा, कला, आध्यात्मिक ज्ञान और शुद्धता की शिक्षा दी। ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन रविवार को प्रवचन करते हुए उन्होंने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि गोपाष्टमी के दिन भगवान कृष्ण गायों को चराने के लिए गए और बंसी बनाकर उसके मधुर धुन से जड़ और चेतन सहित सभी जीवों में माधुर्य रस और प्रेम का संचार कर दिया।

संगीत का प्रमुख राग मालकोश भगवान कृष्ण की बंसी से ही निकला है। उन्होंने मधुर संगीत रस सुना कर जीवों में वैर भाव को समाप्त कर ब्रह्मा रूपी रस का पान कराया। उनका बंसी वादन हरि और हर की लीला है और इस लीला के द्वारा भगवान ने भक्ति और प्रेम की शिक्षा दी। प्रदूषित यमुना के जल को शुद्ध कर उन्होंने पर्यावरण रक्षा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि देश की पवित्र नदियां जीवनधारा और प्राणधारा है और इन पवित्र नदियों की धारा सनातन धर्म की महानता और संस्कृति का संदेश देती है। इसलिए नदियों की पवित्रता और शुद्धता को कायम रखना सभी का परम कर्तव्य है। भगवान कृष्ण की भक्ति का अनुसरण कर मनुष्य अपने जीवन को सार्थक बना सकता है। गोप गोपियों की लीला का वर्णन करते हुए डा. भारत भूषण जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में स्त्रियों को आदरणीय और पूज्य बनाया गया है, लेकिन इस भावना के विपरीत पश्चिम संस्कृति से प्रभावित होकर कुछ लोग भारतीय नारी के गुण दोष की गलत व्याख्या कर सनातन संस्कृति को विकृत कर रहे हैं। लगातार सात दिनों तक चलने वाला भागवत कथा ज्ञान यज्ञ की पूर्णाहुति हो गई। पूर्णाहुति के अवसर पर सोमवार को भंडारा का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर प्रमुख यजमान रमेश पांडे के अलावा सिद्ध नाथ पांडे, रामजी मिश्र, मिथिलेश कुमार पांडे, अक्षय गोपाल पांडे, फूलन सिन्हा, ओंकार नाथ पांडये, शिवजी पांडेय, मुन्ना उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाओं ने भागवत कथा का रसपान किया।

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