शिवहर में कालाजार के खिलाफ अभियान शुरू, आशा को मिली जिम्मेदारी

शिवहर। जिले में अब कालाजार उन्मूलन को लेकर अभियान शुरू किया गया है। अभियान के दौरान आशा को कालाजार रोगियों की खोज की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत आशा द्वारा घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान की जा रही है।

वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अंजनी कुमार ने इस बाबत निर्देश जारी किए है। इसके तहत कालाजार रोगी खोज के दौरान आशा कार्यकर्ता संभावित लक्षणों की पहचान करेगी। जिसमें 15 अथवा 15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित व्यक्ति शामिल होंगे। चिन्हित व्यक्तियों की डॉक्टर द्वारा जांच की जाएगी एवं उनकी सलाह पर ही संभावित मरीजों की पहचान के लिए आरके 39 किट द्वारा जांच की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति ने कालाजार का इलाज पूर्व में कराया हो फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाए जाते हैं तो चिकित्सक की सलाह पर उन्हें आरके-39 किट से जांच नहीं करते हुए बोन मैरो या स्पलीन जॉच के लिए आशा द्वारा उन मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया जाएगा है तथा उनके नाम की प्रविष्टी रेफरल पर्ची में भरी भी जाएगी।

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आशा को मिलेगी प्रोत्साहन राशि:
प्रतिदिन घर-घर रोगी खोज में पाये गये संभावित रोगियों, धनात्मक रोगियों एवं इलाज कराने वाले रोगियों की संख्या को वीबीडीएस द्वारा केएएमआईएस सॉफ्टवेयर में प्रविष्ट किया जाना है। इसके लिए वीबीडीएस को एक मुश्त 100 रूपये का प्रावधान किया गया है। एक आशा, वार्ड हेतु आंगनबाड़ी द्वारा प्रतिदिन मात्र 50 घरों में ही खोज किया जाना है। अधिकतम 250 घरों में रोगी खोज करने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में एक मुश्त 200 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा।
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जिला एवं पीएचसी स्तर पर नि:शुल्क इलाज की सुविधा
कालाजार मरीजों के इलाज की सुविधा पीएचसी स्तर एवं जिला स्तर पर नि:शुल्क उपलब्ध है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों के पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाने के प्रावधान की जानकारी दी जाएगी।

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