बंध्याकरण में फर्जीवाड़ा को लेकर चिकित्सा पदाधिकारी ने जननी एजेंसी सूर्या क्लीनिक पर दर्ज कराई प्राथमिकी

सीतामढ़ी। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बोखड़ा में एक महिला की बगैर बंध्याकरण किए ही दवा, सुई एवं डिस्चार्ज पेपर दिए जाने मामले में पीड़ित महिला द्वारा लिखित शिकायत के बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संतोष कुमार रंजन ने नानपुर थाने में जननी एजेंसी सूर्या क्लीनिक के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है। दिए गए आवेदन में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि बिगत 24 दिसम्बर को कोविड टीकाकरण का मेगा कैम्प का आयोजन किया गया था। जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सभी चिकित्सक व कर्मी टीकाकरण अभियान में लगे हुए थे। शिविर में जननी एजेंसी सूर्या क्लीनिक द्वारा बंध्याकरण किया गया। इसमें अस्पताल कर्मियों की कोई गलती नहीं है। बताया गया कि 25 दिसम्बर को इस घटना के संबंध में जब जानकारी मिली तो मामले की जांच को लेकर उप स्वास्थ्य केन्द्र के एएनएम को भेंजा गया। जिसमें जननी एजेंसी सूर्या क्लीनिक की लापरवाही सामने आई एवं मामला सत्य पाया गया।


क्या है मामला
बोखड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 24 दिसंबर को बंध्याकरण शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के महुआर अतरार निवासी विरेंद्र सहनी की पत्नी रेखा देवी बोखड़ा प्रखंड के चकौती पंचायत के सौरिया अपने फूफा छोटू सहनी के यहां आई हुई थी। वहां से आशा के कहने पर बंध्याकरण के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोखड़ा में गई थी। बंध्याकरण के अगले दिन महिला को दवा व सुई देकर डिस्चार्ज कर दिया गया। जब महिला घर पहुंची तो उसे सुरक्षित ढंग से रखा गया। महिला ने दवा का सेवन कर ली एवं अपने बच्चों को भी शरीर पर घाव होने की बात कह कर दूर रहने की बातें कही। जब बच्चे ने अपनी मां के शरीर पर घाव नहीं देखा तो परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद घर की महिला सदस्य ने देखा तो रेखा के शरीर पर बंध्याकरण की कोई निशान नहीं था। इसके बाद आशा को फोन कर इसकी सूचना दी। आशा द्वारा तस्वीर खिच कर भेजने की सलाह देने पर जब तस्वीर भेंजी गई तब उसे विश्वास हुआ कि रेखा की बगैर बंध्याकरण के ही सुई व दवा के साथ डिस्चार्ज पेपर दे दिया गया है। इसकी जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य प्रबंधक अनिल कुमार के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत एएनएम प्रियंका कुमारी महिला की जांच की तो जांच में मामला सत्य पाया। स्वास्थ्य प्रबंधक ने कहा कि मामले की पीड़ित महिला द्वारा लिखित शिकायत मिलने के बाद लापरवाही बरतने वाले जननी एजेंसी के विरुद्ध करवाई के लिए सिविल सर्जन के यहां भी पत्र भेंज दिया गया है।

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