मिर्जापुर व सिधौली में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए हर घर में होगा डस्टबिन

दरभंगा। गांवों में अब गंदगी नहीं नजर आएगी। स्वच्छ भारत मिशन फेज दो व लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत अब पंचायतों की सूरत बदलने वाली है। शहरों की तरह ग्राम पंचायतों में भी घर-घर से कचरा का उठाव होगा। ठोस एवं तरल अवशिष्ट का निबटारा किया जाएगा। योजना के तहत स्वच्छता में स्मार्ट बनाने के लिए हायाघाट प्रखंड के दो पंचायतों क्रमश: सिधौली व मिर्जापुर का चयन किया गया है। योजना को शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। योजना के क्रियान्वयन के लिए राशि का आवंटन पंद्रहवें वित्त से मुखिया और पंचायत सचिव के संयुक्त खाते में होगा। कचड़े को डंपिग करने के लिए उक्त पंचायतों में तीन-तीन कट्ठा जमीन चिन्हित किया गया है।हर वार्ड के घर-घर जाकर ठोस कचरा के उठाव के बाद उसका सही जगह पर डंपिग की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक पंचायत के सभी वार्डों में दो-दो स्वच्छताकर्मी लगाए जाएंगे, वहीं जो कचरा उठाने और डंपिग तक का काम करेंगे। वहीं प्रत्येक पंचायत में एक स्वच्छता पर्यवेक्षक की भी तैनाती की जाएगी। कचरा ढोने के लिए प्रत्येक पंचायत में एक ई रिक्शा का उपयोग किया जाएगा। वहीं प्रत्येक वार्ड में एक-एक ठेला का उपयोग किया जाएगा। उक्त पंचायतों के हर घर में हरा एवं नीला रंग का डस्टबिन क्रय कर उपलब्ध कराना है। जिसमें लोग अपने घर का कचरा रखेंगे।जिसके बाद एक रोस्टर के अनुसार उस एरिया में ठेला पहुंचकर कचरा का उठाव करेगा। इन पंचायतों का हुआ है चयन : प्रखंड के सिधौली व मिर्जापुर पंचायत का चयन ठोस कचरा प्रबंधन के लिए किया गया है।अगले महीने तक इन पंचायतों के योजना शुरू होने के बाद अगले फेज में और पंचायतों को इसके दायरे में लिया जाएगा। इन पंचायतों के मुखिया और पंचायत सचिव को प्रशिक्षण देकर योजना की पूरी जानकारी भी दी गई है। आबादी के अनुसार मिलेगा आवंटन-कचरा प्रबंधन को लेकर आबादी के अनुसार डीपीआर बनाया जाएगा। हर पंचायत में राशि का आवंटन होगा।पहले चरण में केवल दो पंचायतों का चयन किया गया है। बीडीओ ने कहा- कचरा डंपिग के लिए स्थल होगा निर्धारित बीडीओ रागिनी साहू ने बताया कि कचरा प्रबंधन को लेकर सभी वार्डों में ठेले के माध्यम से कचरा एकत्रित कर चिन्हित जगहों पर उसकी डंपिग की जाएगी। इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।


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