अब भी जिले के 32 छात्र यूक्रेन में फंसे, वतन वापसी की राह तलाश रही सरकार

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: यूक्रेन की हालत खराब है। एक भारतीय छात्र की मौत के बाद यूक्रेन में रह रहे छात्रों के अभिभावकों की नींद उड़ी है। जंग के कारण फंसे जिला के छात्रों के परिजनों के साथ बुधवार को डीएम शशांक शुभंकर ने मुलाकात की। रिर्पेाट में यूक्रेन में अध्ययनरत जिले के 40 छात्रों की सूचना मिली है। आठ छात्रों की सकुशल वापसी हो चुकी है। शेष छात्रों में से अधिकांश यूक्रेन के निकटवर्ती देश रोमानिया, पोलैंड में सुरक्षित रूप से पहुंचकर भारतीय दूतावास के अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। वहां उनके रहने तथा भोजन की व्यवस्था के साथ उन्हें फ्लाइट से भारत भेजने की कार्रवाई की जा रही है।


बुधवार को डीएम ने 18 ऐसे छात्रों के अभिभावकों से मुलाकात की। अभिभावकों ने बताया कि वे अपने बच्चों के साथ लगातार संपर्क में हैं। अधिकांश छात्र यूक्रेन की सीमा पार कर निकटवर्ती देशों में पहुंच गए हैं। जहां उनके ठहरने व भोजन की व्यवस्था की गई है। डीएम ने इस मौके पर अभिभावकों को राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने अभिभावकों को ऐसे विषम परिस्थिति में धैर्य से काम करने की सलाह दी।
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मृत्युंजय के पिता ने कहा, बेटे को जल्द वापस लाए सरकार
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संवाद सूत्र, एकंगरसराय: यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे एकंगरसराय निवासी राज किशोर प्रसाद व निर्मला सिन्हा ने अपने पुत्र मृत्युंजय की जल्द वतन वापसी के लिए सरकार से अपील की है। जागरण संवाददाता से खास बातचीत में मृत्युंजय के पिता ने कहा कि उन्होंने अपने पुत्र बड़े ही शौक से तीन महीने पहले यूक्रेन भेजा था। उसे वहां गए कुछ समय ही हुए कि यूक्रेन और रूस की तनातनी ने पूरे परिवार को चिता में डाल दिया। किसी प्रकार की अनहोनी न हो इसके लिए उन्होंने अपने बेटे को वापस बुलाने का निर्णय लिया। नौ मार्च का हवाई टिकट भी मिला, लेकिन उससे पहले ही यूक्रेन की हालत बिगड़ने लगी और वह वहीं फंस गया। पिता ने बताया कि बुधवार की सुबह उनका पुत्र मृत्युंजय रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट पहुंचा है। जहां भारतीय दूतावास के लोग उसे व अन्य लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराकर होटल में ठहरने की व्यवस्था करवाई है। यह सुनने के बाद परिवार के सदस्यों ने राहत की सांस तो जरूर ली है, लेकिन बेटे को सामने देखने की आस में बेचैन हैं। मृत्युंजय की मां निर्मला सिन्हा एवं पिता राज किशोर प्रसाद एकंगरसराय में एक निजी विद्यालय ज्ञान भारती का संचालन करते है। पिछले वर्ष ही उनकी पुत्री बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित हुई है। पुत्र को उन दोनों ने डॉक्टर बनाने की इच्छा रखते हुए यूक्रेन भेजा। मृत्युंजय ने रोमानिया की राजधानी से अपने स्वजनों को बताया कि कि मुझसे पहले यूक्रेन से छात्रों को लेकर निकले कई बस बार्डर से पार नहीं हो पाया है लेकिन मैं जिस बस से था उसे किसी तरह 12 घंटे तक की यात्रा के बाद चालक ने बार्डर पार करा लिया।

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